PM Modi Fake Shiv Sena Remark: शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार किया है। 'नकली शिव सेना' वाले पीएम मोदी के बयान पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना पार्टी की स्थापना बाल ठाकरे ने भूमिपुत्रों के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए की थी। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी 'आपकी डिग्री' की तरफ फर्जी नहीं है।
उद्धव ठाकरे पालघर लोकसभा सीट से अपनी पार्टी के उम्मीदवार भारती कामदी के लिए रैली कर रहे थे। उन्होंने ने कहा कि शिवसेना प्रमुख (बाल ठाकरे) द्वारा धरती पुत्रों के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए स्थापित की गई शिव सेना को फर्जी कहा जा रहा है। आपकी डिग्री नहीं है, जिसे फर्जी कहा जाए। उन्होंने लोकसभा चुनाव में INDI गठबंधन की जीत का दावा किया।
पीएम मोदी ने कसा था तंज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही महाराष्ट्र में एक रैली की। इस दौरान उन्होंने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली राजनीतिक पार्टी को नकली शिवसेना कहा था। पीएम ने कहा था कि INDI गठबंधन सहयोगी डीएमके सनातन को खत्म करने और सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू से जोड़ने की बात कर रही है। कांग्रेस और नकली शिवसेना उन्हीं लोगों को महाराष्ट्र में रैलियों के लिए बुला रही है।
पीएम ने नकली शिवसेना क्यों कहा?
दरअसल, ठाकरे परिवार के वफादार रहे एकनाथ शिंदे ने 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ शिवसेना विधायकों और सांसदों के विद्रोह का नेतृत्व किया था। इसके बाद पार्टी में विभाजन हो गया। बाद में शिंदे ने भाजपा से हाथ मिला लिया और ठाकरे की जगह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने।
इस साल की शुरुआत में, महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने फैसला सुनाया कि एकनाथ शिंदे का गुट ही असली शिवसेना है।
उद्धव का दावा- 300 से अधिक सीटें जीतेगा INDIA गुट
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBI) कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- शरदचंद्र पवार के साथ गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ रही है। शुक्रवार को बोइसर में एक रैली में बोलते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि लोकसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक 300 से अधिक सीटें जीतेगा।
उन्होंने कहा कि वधावन बंदरगाह परियोजना को रद्द कर दिया जाना चाहिए। ठाकरे ने कहा कि अगर आप लोगों की चिंताओं को ध्यान में न रखते हुए वधावन परियोजना पर आगे बढ़ रहे हैं, तो आगे बढ़ें। हम इस सरकार पर जनता का बुलडोजर चलाएंगे।
76,220 करोड़ की वधावन बंदरगाह परियोजना जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड द्वारा विकसित की जा रही है। इसे हाल ही में पर्यावरण मंजूरी मिली है।