Uddhav Thackeray invite President Droupadi Murmu: अयोध्या में भव्य राम मंदिर के उद्घाटन में महज 9 दिन शेष है। लेकिन निमंत्रण पर सियासत जारी है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को मुंबई में अपने आवास मातोश्री में मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा, 'राम मंदिर का निर्माण मेरे पिता का भी सपना था। आज मंदिर का निर्माण हो रहा है, यह खुशी का क्षण है। लेकिन प्राण-प्रतिष्ठा के लिए शंकराचार्य से विचार-विमर्श करना चाहिए था। हम 22 जनवरी को नासिक में गोदावरी के तट पर आरती करेंगे।'

उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को निमंत्रण भेजा है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 22 जनवरी को कालाराम मंदिर आने का निमंत्रण भेज दिया गया है। 23 जनवरी को शिवसेना की आमसभा होगी। 

बता दें कि कालाराम मंदिर में शुक्रवार को पीएम मोदी ने पूजा अर्चना की थी। इसके साथ गोदावरी तट पर जल अनुष्ठान किया था। मान्यता है कि पंचवटी क्षेत्र में स्थित यह स्थान भगवान राम के वनवास से जुड़ा है। भगवान राम ने यहां वनवास बिताया था। 

10 साल में देश हो गया दिवालिया
उद्धव ठाकरे को राम मंदिर के उद्घाटन का न्योता नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि 22 जनवरी को प्रभु श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मौके पर देश में दिवाली मनाने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन 10 साल में देश दिवालिया हो गया है, इस पर चर्चा जरूरी है।

राष्ट्रपति के हाथों हो प्राण-प्रतिष्ठा
उद्धव ठाकरे ने कहा कि भगवान श्री राम मंदिर की वर्षों से चली आ रही लड़ाई को आखिरकार सुप्रीम कोर्ट में न्याय मिला। श्री राम प्राण प्रतिष्ठा देश की अस्मिता का प्रश्न है। इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित कर प्राण प्रतिष्ठा करायी जाए। केंद्र सरकार राष्ट्रपति को आमंत्रित करेगी या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है। लेकिन, हम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 22 जनवरी को कालाराम मंदिर आने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। 

लाखों भक्तों के साथ मेरी भी इच्छा है कि श्री राम मंदिर बने
उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं एक कट्टर हिंदुत्ववादी हूं। लाखों भक्तों के साथ मेरी भी इच्छा है कि श्री राम मंदिर बने। लोग श्री राम मंदिर के आंदोलन में शिवसेना और बालासाहेब ठाकरे की भूमिका से अवगत हैं।