Who is Sunetra Pawar: पहले बगावत, फिर निशान और पार्टी का नाम छीन लिया। अब महत्वपूर्ण सीट बारामती पर नजर है...जी हां बात हो रही महाराष्ट्र में पवार Vs पॉवर की लड़ाई की। मतलब अजित पवार बनाम शरद पवार की। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को बारामती से सांसद और चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ बिगुल फूंक दिया। उन्होंने संकेत दिया है कि लोकसभा चुनाव में वे बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ उम्मीदवार उतार सकते हैं।
ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं अजित पवार अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को बारामती लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा सकते हैं। सुनेत्रा ने बारामती से प्रचार शुरू कर दिया है। इससे साफ है कि बारामती की लड़ाई ननद बनाम भौजाई के बीच होगी। शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले 2009 से लगातार तीन बार बारामती सीट का नेतृत्व किया। इससे पहले 2006 से 2009 तक सुले राज्यसभा सदस्य रही हैं।
कौन हैं सुनेत्रा पवार?
- अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार की पृष्ठिभूमि राजनीतिक है। उनके भाई पदमसिंह पाटिल एक वरिष्ठ राजनीतिज्ञ और पूर्व मंत्री हैं। सुनेत्रा और अजित पवार के दो बेटे हैं। जय और पार्थ पवार। जय बिजनेस संभालते हैं तो वहीं पार्थ की रुचि राजनीति में है। हालांकि 2009 में वे लोकसभा चुनाव हार गए थे।
- सुनेत्रा पवार लंबे अरसे से बारामती में समाजसेवा करती आ रही हैं। सुनेत्रा पवार ने 2010 में एक गैर सरकारी संगठन एनवायर्नमेंटल फोरम ऑफ इंडिया बनाया था। वे इस एनजीओ की संस्थापक हैं। वह भारत में इको-विलेज की अवधारणा को विकसित करने में एक मार्गदर्शक थीं।
- सुनेत्रा पवार स्वदेशी और प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थान विद्या प्रतिष्ठान के लिए ट्रस्टी के रूप में काम करती हैं। सुनेत्रा पवार 2011 से फ्रांस में विश्व उद्यमिता मंच की थिंक टैंक सदस्य रही हैं।
पवार परिवार का गढ़ है बारामती
बारामती को शरद पवार का गढ़ कहा जाता है। शरद पवार ने 1967, 1972, 1978, 1980, 1985 और 1990 में बारामती सीट से चुनाव जीतकर विधान सभा पहुंचे। वहीं, 1984, 1996, 1998, 1999 और 2004 में बारामती से लोकसभा चुनाव जीता। इसके अलावा 2009 में माढ़ा से जीत हासिल की थी। साथ ही अपने गृह राज्य महाराष्ट्र से दो राज्यसभा चुनाव जीते थे।
बारामती लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व पिछले तीन बार से सुप्रिया सुले कर रही हैं। अजीत पवार ने 1991 में बारामती लोकसभा चुनाव जीता था और बाद में 1991, 1995, 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 में विधानसभा चुनाव जीता।