महाकाल नगरी में अनोखा मंदिर: यहां भगवान को लगता है सिगरेट, शराब, गांजा और अफीम का महाभोग

Bhairav Baba Ashtami 2023
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माना जाता है कि उज्जैन स्थित 56 भैरव बाबा मंदिर में राजा विक्रमादित्य और भर्तहरि पूजा करने आते हैं।
Mahakal city Ujjain Unique temple God indulges cigarettes, alcohol, ganja and opium

उज्जैन. महाकाल नगरी में जिस तरह से कालभैरव मंदिर मदिरा पान करते सभी ने देखा है, वैसे एक मंदिर ऐसा भी है, जहां देशी-विदेशी एक-दो नहीं बल्कि 100 से अधिक शराब चढ़ाई जाती है। 60 तरह की सिगरेट, बीड़ी, गांजा, अफीम, मुखवास, तंबाकू जैसी नशीली चीजों का ही 56 भोग लगता है। यही वजह है कि यह मंदिर अन्य मंदिरों की तुलना में खास पहचान रखता है। हर साल यहां भैरव अष्टमी खास अंदाज में मनाई जाती है।

पुजारी श्रीधर व्यास ने बताया भागसीपुरा की गली में 56 भैरव बाबा का अतिप्राचीन मंदिर है। यहां 1500 तरह की चीजों का भोग लगाया जाता है, इसमें शराब, गांजा, अफीम, बीड़ी-सिगरेट भी शामिल रहती है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं।

मिठाई, नमकीन, चॉकलेट का भी लगता है भोग

विदेशी शराब में वोदका, विस्की, बीयर, शैंपेन तक शामिल रहती हैं। साथ ही 60 प्रकार की सिगरेट, 50 तरह के तंबाकू पाउच, 40 तरह के पान के साथ ही गांजा, अफीम तक चढ़ाई जाती है। इसके अलावा 130 प्रकार के नमकीन, 80 तरह की मिठाई, 64 तरह की चॉकलेट, 28 तरह के फल, 45 किस्म के बिस्किट, 30 तरह की गजक चढ़ाई जाती है। छप्पन भैरव के शृंगार में 480 तरह की अगरबत्ती, 200 तरह के इत्र भी शामिल रहते हैं। रात 12 बजे आरती के बाद ये सब सामान श्रद्धालुओं में वितरित कर दिया जाता है।

सम्राट भर्तृहरि और राजा विक्रम यहां करते थे पूजा
पं. व्यास कहते हैं कि इतिहास में बताया जाता रहा है कि यह मंदिर काफी पुराना है। इस मंदिर में भैरव बाबा की 56 प्रतिमाएं एक ही स्थान पर मौजूद हैं। इसी कारण इस मंदिर का नाम चमत्कारी 56 भैरव पड़ा। पं. व्यास बताते हैं कि ब्राह्मण होने के कारण हम लोग बाबा को शराब का भोग नहीं लगाते थे। 2004 में बहन को बाबा ने स्वप्न दिया, तो फिर तभी से बाबा को मदिरा का भोग लगाने लगे। मंदिर की प्राचीन मान्यता भी है। राजा भर्तृहरि और सम्राट विक्रमादित्य भी यहां आकर पूजा करते थे। अवंतिका तीर्थ के अष्ट भैरव में इनकी गणना होती है। भैरव मंदिर में हर साल अष्टमी को 56 भोग के लिए भव्य शृंगार किया जाता है।

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