भिलाई। छत्तीसगढ़ में एक तरफ जहां लोकसभा चुनावों की तैयारियों तो वहीं दूसरी तरफ कोयला और शराब समेत कई घोटालों को लेकर ईओडब्ल्यू- एसीबी छापेमारी कर रही है। गुरुवार को दुर्ग जिले के भिलाई में दो अलग-अलग जगहों पर एजेंसी की छापेमारी जारी है। विश्वस्त सूत्रों की माने तो जिन लोगों के यहां छापा पड़ा है वे पूर्व सीएम भूपेश बघेल के करीबी बताये रहे हैं। फिलहाल छापेमारी किस मामले में की गई है, इसकी जानकारी निकलकर सामने आई हैं।
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो, ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम ने सुबह होते ही न्यू खूर्सीपार और नेहरु नगर में दबिश दी है। जहां खुर्सीपार में पप्पू बंसल और नेहरू नगर पूर्व निवासी विजय भाटिया के यहां कार्यवाही चल रही है। पप्पू बसंल की लंबे समय से तलाश चल रही थी। सूत्रों की मानें तो ईओडब्ल्यू और एसीबी फिलहाल शराब मामले की जांच कर रही है। इस मामले में एजेंसी कारोबारी अरविंद सिंह और अनवर ढेबर को गिरफ्तार कर चुकी है। जहां कोर्ट से दोनों की रिमांड लेकर उनसे पूछताछ कर रही है।
रायपुर समेत इन जिलों में पड़ा छापा
ईओडब्ल्यू एसीबी ने रायपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगाव में छापेमारी की है। तक़रीबन एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर कार्रवाई चल रही है। जहां राजधानी रायपुर के महावीर नगर, सदर बाजार, समता कॉलोनी और देवेंद्र नगर में कार्रवाई चल रही है।
12 अप्रैल तक हिरासत में रहेंगे दोनों आरोपी
बताया जा रहा है कि, एजेंसी ने छापेमारी कारोबारी अनवर ढेबर और अरविंद सिंह से पूछताछ के बाद की है। जिसके बाद आज तड़के ही ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम ने भिलाई में छापेमारी की है। दरसअल, शराब घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किये गए रायपुर महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर और अरविंद सिंह 12 अप्रैल तक ईओडब्ल्यू और एसीबी की हिरासत में रहेंगे। दोनों आरोपियों की रिमांड की मियाद पूरी होने पर एजेंसी ने दोनों आरोपियों को 8 अप्रैल को स्पेशल कोर्ट में पेश किया था। जहां एजेंसी ने आरोपियों से पूछताछ के लिए रिमांड बढ़ाने की मांग की थी जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया था।
कोल और शराब घोटाले में एजेंसी ने की है 2 FIR दर्ज
उल्लेखनीय है कि, कोयला और शराब घोटाला को लेकर प्रदेश में 2 अलग-अलग FIR दर्ज की गई हैं। यह FIR भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही करने वाली राज्य सरकार की एजेंसी एसीबी और ईओडब्ल्यू ने दर्ज किया है। इसमें तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मंत्री आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा और तत्कालीन खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के साथ कांग्रेस के आधा दर्जन से ज्यादा विधायकों, अफसरों और शराब (डिस्टलरी) कारोबारियों के नाम शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो एसीबी और ईओडब्ल्यू ने यह FIR केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के डिप्टी डॉयरेक्टर संदीप आहुजा के आवेदन के आधार पर दर्ज किया है। दोनों FIR 17 जनवरी 2024 को दर्ज की गई थी। एजेंसी का नंबर 3/ 2024 और 4/ 2024 है।
शराब घोटाले में इनके नाम शामिल
इस शराब घोटाले में एआईएस अफसर निरंजनदास, रिटायर्ड आईएएस अनिल टूटेजा, उनके पुत्र यश टूटेजा के साथ एके त्रिपाठी, विवेक ढांड और तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा के नाम शामिल हैं। शराब घोटाले में कारोबारी अनवर ढेबर, अरविंद सिंह, विजय भाटिया के साथ ही एक दर्जन से ज्यादा आबकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं।
कोयला घोटाले में ये हैं नामजद
वहीं यदि कोयला घोटाले की बात करें तो सूर्यकांत तिवारी, सौम्या चौरसिया, आईएएस समीर, रानू साहू, प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, मंत्री अमरजीत भगत, विधायक देवेंद्र यादव, कांग्रेस के तत्कालीन विधायक शिशुपाल सोरी, चंद्रदेव राय, बृहस्पत सिंह, गुलाब कमरो, यूडी मिंज, विनोद तिवारी, इदरिश गांधी और सुनील अग्रवाल समेत करीब 35 लोगों को आरोपी बनाया गया है।