एंटी व्हीकल थेप्ट टीम ने गुरूग्राम में एक फर्जी ट्रांसपोर्ट का भंडाफोड़ करते हुए दूसरे की गाड़ी को यूज कर रहे एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने फर्जी ट्रांसपोर्टर की तलाश शुरू कर दी है। असल मालिक की जगह गाड़ी यूज कर रहे एक व्यक्ति को पुलिस ने कार सहित गिरफ्तार किया है। पुलिस को सूचना मिली थी कि चरखी दादरी के पैंतावास कलां निवासी अरुण कुमार ने गुरुग्राम में फर्जी ट्रांसपोर्ट का ऑफिसर खोला हुआ है। वह ट्रांसपोर्ट से लोगों की गाड़ियां एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का कार्य करता है।
दूसरों की गाड़ियों का ऐसे करता रहा मिसयूज
वह गाड़ियों को उनके असल मालिकों तक पहुंचाने की बजाय गुर्जवाड़ा निवासी कपिल के साथ मिलकर अपने परिचितों को बेच देता है। पुलिस को पुख्ता जानकारी मिली कि एक असल मालिक की गाड़ी को कपिल यूज कर रहा है। वह बावल से शहर की ओर आ रहा है। सूचना के बाद पुलिस ने बावल रोड पर कमलापुर बिठवाना के पास नाकेबंदी कर दी। इसी दौरान एक कार चालक अपनी गाड़ी को वापस मोड़कर भागने का प्रयास करने लगा। पुलिस ने उसे मौके पर ही काबू कर लिया। गाड़ी के कागजात पूछने पर चालक ने आरसी की फोटो कॉपी दिखा दी। आरोपी गुर्जरवाड़ा निवासी कपिल ने पूछताछ में बताया कि उसने यह गाड़ी कृष्ण से ली थी। पुलिस ने गाड़ी के नंबरों के आधार पर साइबर सेल से पता किया तो यह गाड़ी बैंगलोर निवासी विजय बाबू के नाम पर पंजीकृत मिली। मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस ने विजय बाबू से संपर्क किया तो उसने बताया कि उसने ट्रांसपोर्ट से अपनी कार मोहाली से बैंगलोर पहुंचाने के लिए उसकी ऑनलाइन बुकिंग कराई थी। />
ऑनलाइन बुकिंग से कमाता रहा पैसे
पुलिस के अनुसार जांच में यह बात सामने आई है कि गाड़ियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने के लिए अरुण ऑनलाइन बुकिंग करता रहा। इसके बदले वह पैसे कमाता रहा। बुकिंग के बाद संबंधित गाड़ी को वह परिचितों के सुपुर्द करता रहा। इस खेल में रिंकू नाम एक युवक भी संलिप्त बताया जा रहा है। पूछताछ में कपिल ने बताया कि उसने अरुण के साथ मिलकर गई गाड़ियां रेवाड़ी में भी अपने परिचितों को दी हुई हैं। पुलिस ने कपिल से पूछताछ करते हुए दूसरे आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। थाना मॉडल टाउन में अमानत में खयानत का केस दर्ज किया गया है