Sukhbir Singh Badal: पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में सोमवार (2 दिसंबर) को अकाल तख्त साहिब ने डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख राम रहीम को माफी और बेअदबी के मामले में पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल को सजा सुनाई है। सजा के तौर पर सुखबीर बादल को एक घंटा बाथरूम साफ करना होगा।
इसके बाद लंगर घर में जाकर जूठे बर्तन भी धोने होंगे। दोनों कामों को करने के बाद कीर्तन सुनना होगा। साथ ही श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना होगा। रघबीर ने पूर्व CM स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल से 'फक्र ए कौम' सम्मान वापस लेने का भी ऐलान कर दिया है।
जत्थेदार ने सजा के दौरान क्या कहा?
जत्थेदार रघबीर सिंह ने सजा सुनाने के दौरान कहा कि सुखबीर सिंह बादल को चोट है, जिसके चलते श्री दरबार साहिब (गोल्डन टेंपल) के घंटाघर के बाहर उनको ड्यूटी करनी होगी। वह व्हीलचेयर पर बैठकर ड्यूटी कर सकते हैं। जत्थेदार ने कहा कि सुखबीर बादल समेत कोर कमेटी मेंबर और साल 2015 कैबिनेट मेंबर रहे नेता 3 दिसंबर को 12 बजे से लेकर 1 बजे तक बाथरूम साफ करेंगे। इसके बाद वह नहाकर लंगर घर में सेवा करेंगे। साथ ही उन्हें एक घंटा बैठकर कीर्तन सुनना होगा।
गले में तख्ती और हाथ में बरछा रहेगा
सुखबीर सिंह बादल सजा के दौरान के गले में तख्ती और हाथ में बरछा लेंगे। उनको यह सजा 2 दिन के लिए दी गई है। इसके बाद 2 दिन श्री केशगढ़ साहिब, 2 दिन श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो, 2 दिन श्री मुक्तसर साहिब और 2 दिन श्री फतेहगढ़ साहिब में सेवादारों वाला चोला पहनकर हाथ में बरछा लेकर उनको सेवा करनी होगी।
इस्तीफे स्वीकार करने के दिए आदेश
सजा सुनाने के बाद जत्थेदार ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल पार्टी से जिन नेताओं ने इस्तीफे दिए, उन्हें अगले 3 दिनों में स्वीकार करना होगा। उन्होंने बागी चलने वाले नेताओं को फटकार लगाते हुए शिरोमणि अकाली दल के साथ चलने की नसीहत दी। जत्थेदार रघुबीर सिंह ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल आने वाले समय में पार्टी की नई कमेटी को लेकर चर्चा करें और नियुक्तियां करें। ये सारी प्रक्रिया चुनावी तरीके से होनी चाहिए।
सुखबीर बादल पर क्या आरोप हैं जिसने चलते सजा मिली?
सुखबीर बादल पर पहला और सबसे बड़ा आरोप है कि उन्होंने डेरा सच्चा सौदा के चीफ राम रहीम के प्रति नम्र रुख अपनाया। उन पर आरोप है कि गुरमीत राम रहीम के वेशभूषा विवाद में सजा दिलवाने के बजाय शिकायत ही वापस ले ली। अकाली दल का अध्यक्ष रहते हुए सुखबीर बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर डेरा मुखी को माफी दिलवाने का काम किया।
इसके चलते अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा था। अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। इसके बाद श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा मुखी को माफी देने का फैसला वापस लिया।
बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं कराने का आरोप
सुखबीर सिंह बादल पर बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं करवाने का भी आरोप लगे हैं। 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई थी। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए और बाहर फेंक दिए थे।
इससे सिखों में भारी आक्रोश फैल गया था। अकाली दल सरकार में तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। वह दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए। इस प्रकार के कई आरोप बादल पर लगे हैं, जिसके बाद श्री अकाल तख्त ने उनको सजा सुनाई है।
बादल की सजा पर ढींढसा ने क्या कहा?
अकाली दल के नेता परविंदर सिंह ढींढसा ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि जो हुक्म हमें श्री अकाल तख्त साहिब से मिला है, हम सिर झुका कर उसे स्वीकार करते हैं। हमें हुक्म हुआ है कि साथ काम करना है, तो हम साथ ही काम करेंगे। अपनी गलतियों से सीखने की कोशिश करेंगे। हमे मिली सजा मंजूर है।
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