Chandigarh Mayoral Elections Postponed: गुरुवार, 18 जनवरी को होने वाले चंडीगढ़ मेयर चुनाव को अगली सूचना तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। कई पार्षदों को सुबह एक टेक्स्ट मैसेज मिला, जिसमें चुनाव टलने की जानकारी दी गई। साथ ही चुनाव टलने के लिए अनिल मसीह के खराब स्वास्थ्य को जिम्मेदार ठहराया गया था। अनिल मसीह को चुनाव के लिए पीठासीन प्राधिकारी के रूप में नामित किया गया था। इसके बाद कांग्रेस और आप कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किए। कांग्रेस ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हार का सामना करने के लिए तैयार नहीं थी। वहीं, आप सांसद राघव चड्डा ने हाईकोर्ट जाने का ऐलान किया है।
दूसरा पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति हो
सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि आप और कांग्रेस ने न्याय के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है। ताकि मेयर का चुनाव हो सके। आज जिस तरह से चुनाव टाला गया, उससे स्पष्ट है कि INDIA गठबंधन चुनाव जीत रहा है और भाजपा हार रही है। भाजपा हमारे गठबंधन से डर गई है। हम चुनाव आयोग से अनुरोध करते हैं कि अगर मौजूदा पीठासीन अधिकारी बीमार पड़ गए हैं तो वह एक और पीठासीन अधिकारी नियुक्त करे। लेकिन चुनाव आज होना चाहिए।
राघव चड्ढा ने कहा कि हमारे पास चुनाव भवन में प्रवेश करने के लिए वैध पास था, लेकिन हमें बताया गया कि प्रवेश बंद कर दिया गया है, क्योंकि पीठासीन अधिकारी अचानक बीमार पड़ गए थे। देश में लोकतंत्र को खत्म करने और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए भाजपा कुछ भी करेगी।
तो भाजपा पार्षदों को पहले से था पता?
दरअसल, 35 सदस्यीय हाउस में 14 पार्षदों के साथ भाजपा सबसे आगे है। जबकि आप 13 पार्षदों के साथ दूसरे स्थान पर है। कांग्रेस के पास सात पार्षद हैं, जबकि एक पार्षद SAD से है। स्थानीय सांसद और पदेन सदस्य किरण खेर के एक और वोट के साथ भाजपा के पास बढ़त है। लेकिन कांग्रेस और आप की संयुक्त संख्या को हराने के लिए पर्याप्त नहीं है।
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा का कोई भी पार्षद सदन नहीं पहुंचा। इसका मतलब साफ है कि उन्हें पहले से पता था कि आज चुनाव नहीं होंगे।
यह लोकतंत्र का अंत है, बोले- पवन बंसल
सांसद पवन बंसल ने कहा कि भाजपा हार का सामना करने के लिए तैयार नहीं थी और उन्होंने जानबूझकर चुनाव स्थगित कर दिया। यदि भाजपा को लोकतंत्र में विश्वास होता, तो उन्होंने डीसी से पीठासीन अधिकारी को बदलने का अनुरोध किया होता। यह लोकतंत्र का अंत है। हम अब अदालत का रुख करेंगे।