Sukhbir Singh Badal Attack: पंजाब के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल पर बुधवार सुबह करीब 9.30 बजे जानलेवा हमला हुआ। अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में उनके ऊपर फायरिंग की गई, लेकिन वह हत्या के प्रयास में बाल-बाल बच गए। हमले के वक्त बादल स्वर्ण मंदिर के बाहर दरबान बनकर सेवा कर रहे थे। तभी अचानक गोली चलने से स्वर्ण मंदिर में अफरा-तफरी मच गई। सुरक्षाकर्मियों ने हमलावर को हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ जारी है।
दरबान बनकर सेवा कर रहे थे सुखबीर बादल
बता दें कि अकाल तख्त द्वारा सुनाई धार्मिक सजा काटने के लिए सुखबीर बादल (Sukhbir Singh Badal) ने मंगलवार को गुरुद्वारे में सेवा कार्य किया। इस दौरान उन्होंने बर्तन धोए और टॉयलेट भी साफ किया था। आज सजा के दूसरे दिन सुखबीर सिंह बादल स्वर्ण मंदिर के बाहर दरबान बनकर सेवा कर रहे थे। तभी हमलावर ने पिस्तौल निकालकर उन पर गोली चलाई। हालांकि, सुखबीर सिंह बादल के आसपास खड़े उनके समर्थकों और सुरक्षाबलों ने समय रहते स्थिति को संभाल लिया। उन्होंने तुरंत हमलावर को पकड़ लिया, जिससे सुखबीर सिंह बादल को कोई नुकसान नहीं हुआ।
#WATCH | Punjab: Bullets fired at Golden Temple in Amritsar where SAD leaders, including party chief Sukhbir Singh Badal, were offering 'seva'. The attacker, identified as Narayan Singh Chaura by the Police has been overpowered by the people and caught.
— ANI (@ANI) December 4, 2024
(Video Source: PTC News) pic.twitter.com/b0vscrxIL8
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हमलावर से पूछताछ जारी, पिस्तौल बरामद हुई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने सुखबीर सिंह बादल को तत्काल सुरक्षा घेरे में ले लिया और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इस दौरान वहां मौजूद सेवादारों ने हमलावर को हिरासत में ले लिया। आरोपी का नाम नारायण सिंह चौरा है, जो 'दल खालसा' से जुड़ा हुआ है। उससे पूछताछ कर हमले का मकसद पता किया जा रहा है। लेकिन बड़ा सवाल है कि स्वर्ण मंदिर में सभी गेट पर मेटल डिटेक्टर होने के बावजूद हमलावर कैसे अपने साथ पिस्तौल अंदर ले गया। इस घटना से स्वर्ण मंदिर की सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई।
'जाको राखे साईंया, मार सके न कोई'
सुखबीर बादल पर हमले के चश्मदीद अकाली दल नेता दलजीत चीमा ने बताया- 'सबसे पहले, मैं गुरु नानक देव जी का धन्यवाद करता हूं। 'जाको राखे साईंया, मार सके न कोई।' सेवा कर रहे 'सेवकों' की रक्षा हुई। सुखबीर सिंह गुरु रामदास द्वार पर 'चौकीदार' के रूप में बैठे थे। उनकी दिशा में गोली चलाई गई... गुरु नानक देव जी का शुक्र है कि उन्होंने अपने 'सेवक' को बचा लिया। यह एक बहुत बड़ी घटना है। पंजाब को किस दिशा में धकेला जा रहा है? मैं पंजाब के मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूं, आप पंजाब को कहां ले जाना चाहते हैं? हमलावर को मौके पर ही पकड़ लिया गया। मैं सुरक्षा बलों का धन्यवाद करता हूं। यदि उन्होंने तुरंत कदम नहीं उठाया होता तो स्थिति और गंभीर हो सकती थी।'
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अकाली दल ने की न्यायिक जांच की मांग
शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता दलजीत सिंह चीमा ने इस घटना की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि इस जानलेवा हमले की तह तक जाना बेहद जरूरी है। हम अपनी 'सेवा' जारी रखेंगे। यह घटना हमें हमारे मार्ग से हटा नहीं सकती। सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलने से पंजाब की राजनीति में हलचल है। यह घटना सुरक्षा व्यवस्था और राजनीतिक नेताओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही है।