जयपुर। मां 9 माह की बच्ची, 7 और 4 साल के दो बेटों को झोपड़ी में छोड़कर नदी में कपड़े धोने चली गई। कुछ देर बाद झोपड़ी में अचानक आग लग गई। दोनों बच्चे भागकर बाहर आ गए। बच्ची चारपाई पर ही लेटी रह गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। मां और पड़ोसियों ने आग पर काबू पाने काफी प्रयास किए लेकिन बच्ची जिंदा जल गई। बच्ची के अवशेष ही मिले। घटना राजस्थान के बांसवाड़ा के भूंगड़ा थाना के गांव सोमपुर की है।
पूरी घटना: कल्पना के जले हुए अवशेष ही मिले
जानकारी के मुताबिक, दोपहर को 9 महीने की बच्ची कल्पना को चारपाई पर छोड़कर मां भुला देवी (27) नदी पर कपड़े धोने गई थी। इस दौरान बच्ची के पास भुला देवी के दो बेटे (7 और 4 वर्ष) मौजूद थे। कुछ देर में अज्ञात कारणों से झोपड़ी में आग लग गई। पड़ोस में भुला देवी के जेठ संतोष का घर था। संतोष चिल्लाता हुआ भागा। भुला देवी भी दौड़ती हुई पहुंची। दोनों ने बच्चों को संभाला। मकान कच्चा और लकड़ी का होने के कारण आग तेज फैली। पड़ोसी की मदद से आग पर काबू पाने का काफी प्रयास किया लेकिन आग नहीं बुझ पाई। झोपड़ी पूरी तरह खाक हो चुकी थी। कल्पना के जले हुए अवशेष मिले।
पिता रिश्तेदार के यहां कार्यक्रम में गए थे
पिता दोला सारेल ने पुलिस को बताया कि शुक्रवार को मैं आंबापुरा थाना इलाके के भूरी घाटी गांव में रिश्तेदार के यहां नोतरे (दावत) के कार्यक्रम में गया हुआ था। पीछे से घर में आग लग गई। बड़े भाई संतोष ने आग लगने की सूचना फोन पर दी। जब मैं सोमपुर में अपने घर पहुंचा तो देखा कि मेरा भाई संतोष, पत्नी भुला देवी और पड़ोसी आग बुझाने की कोशिश कर रहे थे। आग पर काबू नहीं पाया जा सका।
आग कैसी लगी? पुलिस कारण तलाश रही है
दोला ने पुलिस को बताया कि झोपड़ी में 50 हजार रखे थे। इसके अलावा सोने और चांदी का एक जेवर, कपड़े, बिस्तर सब कुछ जल गया। पुलिस ने शव के अवशेष बरामद किए और पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। आग कैसी लगी? कारण पुलिस तलाश रही है।