Ajmer News: राजस्थान के अजमेर दरगाह में भड़काऊ भाषण के मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। अपर जिला एंव सेशन कोर्ट ने 2 साल चले ट्रायल के बाद सभी 6 आरोपियों को बरी कर दिया है। सरकारी वकील गुलाम नजमी फारूकी के मुताबिक आरोपियों ने सर तन से जुदा के नारे लगाए थे।
इस मामले को लेकर 2 साल से कोर्ट में ट्रायल चल रहा था। जिसका फैसला मंगलवार 16 जुलाई को आया है। बता दें, मौन जुलूस के दौरान भड़काऊ भाषण देने के बाद खादिम गौहर चिश्ती फरार हो गया था, जिसे हैदराबाद में अहसानुल्लाह ने शरण दी थी। हालांकि पुलिस ने गौहर चिश्ती को पकड़ लिया, शरण देने वाला फरार है। ट्रायल के दौरान 22 गवाह और 32 दस्तावेज पेश किए गए थे।
इन आरोपियों को कोर्ट ने किया बरी
इस मामले में आरोपी बनाए गए खादिम गौहर चिश्ती, ताजिम सिद्धिकी (31) पुत्र नईम खान, रियाज हसन दल (47) पुत्र हसन और मोईन खान (48) पुत्र स्व. शमशूदीन खान, फखर जमाली (42) पुत्र सैयद मोहम्मद जुबेर जमाली, नासिर खान (45) को कोर्ट ने बरी कर दिया है।
जानें पूरा मामला
17 जून 2023 को कॉन्स्टेबल जयनारायण जाट ने रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसमें बताया कि 17 जून को दोपहर करीब 3 बजे मेरी ड्यूटी निजाम गेट पर थी। उस दौरान अजमेर शरीफ में मौन जुलूस निकाला जा रहा था। लेकिन इसी दौरान कुछ खादिमों ने भड़काऊ भाषण देना शुरू कर दिया। रिक्शे पर लाउड स्पीकर लगाकर सिर तन से जुदा के नारे लगाए। 2500-3000 लोगों की भीड़ दरगाह के सामने यह नारे लाउडस्पीकर में लगाई। जिसमें खादिम गौहर चिश्ती से पूर्व में समझाइश भी की गई थी। लेकिन इसके बाद भी भड़काऊ भाषण के साथ नारेबाजी की गई।
सभी आरोपियों को कोर्ट ने किया बरी
कॉन्सटेबल की शिकायत पर धार्मिक स्थल से हिंसा के लिए भीड़ को उकसाने और हत्या की अपील करने का मामला पंजीबध्द किया गया था। 2 साल तक कोर्ट में चले ट्रायल के बाद 16 जुलाई 2024 को कोर्ट ने सभी 6 आरोपियों को बरी करने का फैसला दिया है।