Rajasthan Bypoll 2024: राजस्थान में 13 नवंबर को 7 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं। भाजपा एवं कांग्रेस समेत सभी दलों ने अपने-अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं। लेकिन डूंगरगढ़ जिले की चौरासी विधानसभा सीट उपचुनाव में हॉट सीट बन गई है। क्योंकि भाजपा ने यहां से पूर्व मंत्री सुशील कटारा का टिकट काटकर नए चेहरे पर भरोसा जताया है। जिसकी वजह से यहां का मुकाबला त्रिकोंणीय बन गया है। चौरासी विधानसभा सीट भारत आदिवासी पार्टी के विधायक राजकुमार रोत के सांसद बनने के बाद खाली हुई थी।

चौरासी सीट पर कांग्रेस के महेश रोत, भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के अनिल कटारा, भाजपा के कारीलाल ननोमा को प्रत्याशी बनाया गया है। हालांकि अभी तक पूर्व मंत्री सुशील कटारा ने टिकट कटने के बाद चुनाव लड़ने की कोई बात नहीं की है। अगर वह यहां से चुनावी मैदान में उतरते हैं, तो मुकाबला चतुष्कोणीय हो सकता है।

कौन हैं कारीलाल ननोमा
भाजपा ने यहां से कारीलाल ननोमा को अपना प्रत्याशी बनाया है। कारीलाल सीमलवाड़ा पंचायत समिति से प्रधान हैं। ये लगातार 4 बार प्रधान रह चुके हैं। आदिवासी समाज में अच्छी पकड़ मानी जाती है। काफी समय से आदिवासियों के बीच सक्रिय भी हैं। इसके साथ ही बीजेपी एसटी मोर्चा के जिला महामंत्री भी रह चुके हैं।

कांग्रेस ने युवा चेहरे को दिया मौका
चौरासी सीट से कांग्रेस ने युवा चेहरे महेश रोत को मौका दिया है। महेश रोत को पहली बार विधानसभा का टिकट मिला है। छात्र राजनीति से अपने करियर की शुरुआत की। शुरुआती दिनों में NSUI और युवा कांग्रेस में काफी दिनों तक रहे। अब विधानसभा उपचुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

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सांसद बनने के बाद खाली हुई सीट
भारत आदिवासी पार्टी के विधायक राजकुमार रोत सांसद बन गए हैं, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। BAP ने यहां से अनिल कटारा को प्रत्याशी बनाया है। अनिल 2016 से पार्टी और भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के प्रदेश प्रचारक रहे हैं। बता दें, पार्टी द्वारा प्रत्याशी सिलेक्शन के लिए वोटिंग कराई गई थी, जिसमें अनिल को सबसे अधिक मत मिले थे। यही कारण है कि अनिल कटारा को यहां से टिकट मिला।

चौरासी विधानसभा में 70 प्रतिशत एसटी मतदाता
चौरासी सीट पर अगर मतदाताओं की बात की जाए, तो यहां पर करीब 70 प्रतिशत एसटी वोटर्स हैं। वहीं 10 प्रतिशत ओबीसी और 20 प्रतिशत में सामान्य, एससी, अल्पसंख्यक वर्ग हैं। ऐसे में BAP पार्टी के प्रत्याशी अनिल कटारा भाजपा एवं कांग्रेस दोनों के लिए चुनौती बने हुए हैं। 

2 बार से लगातार हारे पूर्व मंत्री सुशील कटारा
बता दें, पूर्व मंत्री सुशील कटारा दो बार से लगातार BAP पार्टी के राजकुमार रोत से हार रहे हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में सुशील को 12,934 और 2023 में 69,166 मतों से हार का सामना करना पड़ा। 2013 में सुशील कटारा, कांग्रेस के महेंद्र बरजोड़ से 20,313 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी।

इन सीटों पर होना है उपचुनाव
राजस्थान की चौरासी, झुंझुनू, खींवसर, दौसा, देवली-उनियारा, सलूंबर और रामगढ़ सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। यहां 13 नवंबर को मतदान होगा, जिसके परिणाम 23 नवंबर को आएंगे। नामांकन की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर है।