Jain Bal Muni Hardik Samdariya: नागौर के हार्दिक ने 13 साल उम्र में सांसारिक मोह-माया छोड़कर वैराग्य पथ पर चलने का निर्णय लिया है। 17 मार्च 2024 को घर-परिवार त्याग कर हार्दिक जैन संतों के साथ विहार पर निकले पूरा शहर स्वागत के लिए उमड़ पड़ा। मन और ममत्व को शांत कराते हुए मां-पिता सहित बुजुर्ग दादा-दादी भी हार्दिक को विदा करने पहुंचे। हार्दिक 28 अप्रैल को पूर्ण दीक्षा ग्रहण कर जैन बाल मुनि बन जाएंगे। 

हार्दिक ने बताया कि संयम की प्रेरणा मां प्रियंका देवी से मिली। 2004 में मां ने दीक्षा लेना चाहती थीं, पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से वह ऐसा नहीं कर पाईं, लेकिन हम लोगों को हमेशा धर्म के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करती रही हैं। तप-त्याग और संयम का महत्व समझाया। मैं उनके सपने को पूरा करना चाहता हूं। 
हार्दिक के पिता विकास समदड़िया हेलमेट के बड़े व्यवसायी हैं। उनका पैतृक घर नागौर के गुमसा गली में है। अन्य भाई-बहन नागौर में रहते हैं, लेकिन विकास बिजनेस के सिलसिल में पुदुच्चेरी रहते हैं। 

विकास समदड़िया ने बताया कि हार्दिक का मन छोटी उम्र में ही भजन-संध्या और आध्यात्म में लग गया था। वह अक्सर वैराग्य के मार्ग पर जाने की बात कहता रहता है। हार्दिक की भावना और इच्छा का सम्मान करते हुए हमने वैराग्य पथ के लिए इजाजत दे दी है। हार्दिक के जीवन में परदादी किरण देवी का विशेष प्रभाव देखने को मिल रहा है। 

कौन हैं हार्दिक 
हार्दिक शहर के प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उसने नाना सुभाष चौधरी गुजराती पोल इलाके के बड़े बिजनेसमैन हैं। हार्दिक माता-पिता और बड़े भाई निराग के साथ पुदुच्चेरी रहते थे। जबकि, दादा धनरुपमल समदड़िया, दादी कांता देवी, चाचा विनय समदड़िया और चाची नेहा समदड़िया हैं। यह सभी लोग नागौर में रहते हैं।