Logo
Rajasthan News: जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में एक महिला ने अंगदान कर तीन लोगों की जिंदगी बचाई। दो किडनी एसएमएस हॉस्पिटल में, जबकि लिवर को जयपुर के महात्मा गांधी हॉस्पिटल में भेजा गया है।

Rajasthan News: जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में एक महिला ने अंगदान कर तीन लोगों की जिंदगी बचाई। झुंझुनूं की रहने वाली महिला सड़क हादसे में घायल हो गई थी। जिसमें उसका ब्रेनडेड हो गया था। डॉक्टरों ने परिजनों से बात कर अंगदान करवाया। महिला की दो किडनी एसएमएस हॉस्पिटल में, जबकि लिवर को जयपुर के महात्मा गांधी हॉस्पिटल में भेजा गया है।

एसएमएस हॉस्पिटल जयपुर के न्यूरोसर्जन डॉक्टर मनीष अग्रवाल ने बताया कि झुंझुनूं जिले के बुहाना की रहने वाली एक संतोष नाम की 46 वर्षीय महिला का चार दिन पहले सड़क एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल हो गई थी, जिसे इलाज के लिए एसएमएस ट्रोमा सेंटर लाया गया। डॉक्टरों ने महिला को बचाने का काफी प्रयास किया गया। लेकिन उसकी ब्रेनडेड हो गई। 

शव परिजनों को सौंपा
एसएमएस के डॉक्टरों ने महिला के परिजनों से अंगदान करने की बात की। इसको लेकर परिजनों को समझाइश भी दी। हालांकि परिजन मान गए। जिसके बाद संतोष के अंग (किडनी, लिवर, हार्ट) को ओटी में निकालकर दान किया गया। आज मंगलवार की सुबह उनका पार्थिव शरीर सम्मान के साथ परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया।

डॉक्टरों ने अंगदान की दी थी सलाह
डॉक्टर के बताए अनुसार संतोष की दोनों किडनी एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती दो मरीजों को दी गई है। जबकि लिवर के लिए अस्पताल में कोई मरीज नहीं मिले तो, महात्मा गांधी हॉस्पिटल भेज दिया गया है। संतोष का हार्ट एक्सीडेंट के बाद ठीक से काम नहीं कर रहा था, जिसके कारण हार्ट दान किया करने की सलाह डॉक्टरों ने परिजनों को दी थी।

अंगदान करने का क्या है तरीका
अंगदान दो तरीकों से किया जाता है पहला जीवित रहते हुए और दूसरा मृत्यु के बाद। जीवित रहते हुए केवल लिवर, किडनी जैसे अंग ही डोनेट किए जा सकते हैं, वह भी रिसीवर आपके परिवार का नजदीकी व्यक्ति जैसे माता-पिता, पति-पत्नी, भाई-बहन या कोई डायरेक्ट रिलेटिव ही होना चाहिए। मृत्यु के बाद अंगदान के दो तरीके हैं। पहला अपनी बॉडी को किसी आधिकारिक मेडिकल संस्थान को दान कर सकते हैं और दूसरा मृत्यु के बाद उस व्यक्ति के करीबी लोग बॉडी डोनेट करने का फैसला ले सकते हैं।

5379487