राजस्थान हाईकोर्ट का सख्त फैसला: आदेश न मानने पर 3 IAS की वेतन-पेंशन रोकी, कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव भी तलब
राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर बेंच ने कार्मिक विभाग के तत्कालीन सचिव हेमंत गेरा, तत्कालीन उदयपुर कमिश्नर राजेंद्र भट्ट और तत्कालीन उदयपुर कलेक्टर ताराचंद मीणा की वेतन-पेंशन रोकी है।;

Rajasthan High Court: राजस्थान हाईकोर्ट 3 आईएएस अधिकारियों के खिलाफ ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अवमानना के मामले में सुनवाई करते हुए उनकी वेतन-पेंशन रोकने का आदेश दिया है। साथ ही मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च को निर्धारित कर कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव को तलब किया है।
रमेश औदिच्य सहित उदयपुर के आठ अन्य कर्मचारियों ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि 13 अगस्त, 1987 को प्रारंभिक नियुक्ति के बाद ही नियमित कर उन्हें प्रथम और द्वितीय चयन ग्रेड स्केल दिया गया था, लेकिन अब तृतीय चयन ग्रेड स्केल देने से इनकार किया जा रहा है।
4 साल में आदेश का पालन नहीं
याचिकाकर्ता इस मामले में पहले भी कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई थी। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 23 सितंबर, 2021 को मामले में आदेश जारी किया था, जिसमें 12 अगस्त, 2014 से तीसरे चयन ग्रेड स्केल की गणना कर सभी लाभ देने के लिए आदेशित किया गया था। कोर्ट ने तीन महीने में लाभ वितरित करने को कहा था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
31 मार्च 2022 तक करना था भुगतान
राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर बेंच ने बढ़े हुए वेतन और संबंधित लाभों का बकाया भुगतान 31 मार्च 2022 तक करने के निर्देश दिए थे. लेकिन अधिकारियों ने गंभीरता नहीं दिखाई। कोर्ट ने निधारित समय-सीमा के अंदर वेतनमान और एरियर भुगतान न करने पर सख्त आदेश सुनाया है।
इन 3 आईएएस का रोका वेतन
राजस्थान हाईकोर्ट ने साढ़े तीन साल बाद भी आदेश का पालन करने और वेतनमान और एरियर भुगतान में देरी के लिए कार्मिक विभाग के तत्कालीन सचिव हेमंत गेरा, उदयपुर के तत्कालीन संभागीय आयुक्त राजेंद्र कुमार भट्ट और तत्कालीन उदयपुर कलेक्टर ताराचंद मीणा को दोषी ठहराया है। तीनों IAS अधिकारियों की वेतन पेंशन कोर्ट की अनुमति के बिना अंतरित न करने का आदेश दिया है।