Rajasthan News: राजस्थान के सीकर जिले में एक दूल्हे ने दहेज न लेने की शर्त पर शादी की। जिसकी पूरे प्रदेश में सराहना हो रही है। दूल्हे का कहना है कि दुल्हन के माता-पिता ने स्नातकोत्तर तक पढ़ाई करने में मदद की, शिक्षा प्राप्त करना आज के समय में किसी धन से कम नहीं है।
बता दें, भारत में दहेज प्रथा पर रोक लगाने के लिए कई कानून बनाए गए हैं। जिनमें दहेज निषेध अधिनियम 1961 और आईपीसी 1860 शामिल हैं। कई गैर सरकारी संगठन और कार्यकर्ता भी दहेज की प्रथा को रोकने के लिए काम करते हैं। लेकिन इसको रोकने में सफलता नहीं मिल पा रही है। दहेज को लेकर जय नारायण जाखड़ नामक दूल्हे ने एक अच्छी पहल शुरू की है।
1 रुपए दहेज के साथ हुई शादी
दूल्हा जय नारायण जाखड़ सरकारी नौकर करता है। राजस्थान में लोक कल्याण विभाग में जूनियर इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं जबकि दुल्हन अनीता वर्मा स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर कंपटीशन एग्जाम की तैयारी कर रही है। जाखड़ को शादी में केवल एक रुपये और एक नारियल दहेज के रूप में मिला।
दादा से प्रेरित होकर दूल्हे ने लिया फैसला
दुल्हन के परिजनों ने बताया कि दूल्हे के परिवार ने ही दहेज मुक्त शादी का प्रस्ताव रखा था। उनकी काफी इच्छा थी कि बिना दहेज के शादी करूं, जिससे समाज में एक अच्छा संदेश जाए। वहीं दूल्हे ने बताया कि दादा ने हमेशा सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाई और पिता ने भी ऐसा ही किया। जिनसे प्रेरित होकर हमने बिना दहेज के शादी करने का फैसला किया।
एक साल का वेतन माता-पिता को देने का वादा
दुल्हन अनीता पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही हैं। उन्होंने दूल्हे के परिवार से वादा किया है, कि अगर सरकारी नौकरी मिलती है, तो एक साल तक अपना वेतन माता-पिता को देगी, ताकि वे अपनी बेटी को शिक्षित करने और सक्षम बनाने के लिए किए गए बलिदान का फल प्राप्त कर सकें।