Rajasthan: राजस्थान के नागौर जिले में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। यहां पर 13 नवंबर को खींवसर विधानसभा में उपचुनाव होना है। ऐसे में यह कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है। सोमवार को कांग्रेस पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष समेत करीब एक दर्जन नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया है।

राजस्थान में सात विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव हो रहे हैं। खींवसर विधानसभा में आरएलपी प्रमुख हनुमान बेलीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल के चुनावी मैदान में उतरने से यहां का मुकाबला रोचक हो गया है। लेकिन सोमवार को यहां कांग्रेस को बड़ा झटका मिला है। जिसकी वजह से इस हॉट सीट की लड़ाई और रोचक हो गई है।

2 हजार वोटों से हारे थे भाजपा प्रत्याशी रेवंतराम डांगा
सींवसर विधानसभा में काफी समय से एक ही परिवार का दबदबा रहा है। इस बार भी बेनीवाल परिवार की सदस्य कनिका बेनीवाल को टिकट मिला है। कनिका के सामने भाजपा की ओर से रेवंतराम डांगा को प्रत्याशी बनाया गया है। जो पिछले 2023 विधानसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल से मात्र 2,059 वोटों से हारे थे।

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इन लोगों ने थामा भाजपा का दामन
सोमवार को नागौर में कांग्रेस पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष रहे सुखवीर सिंह चौधरी ने जयपुर भाजपा कार्यालय पहुंचकर प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के हाथो भाजपा ज्वाइन कर ली है। चौधरी के साथ ही पंचायत समिति सदस्य लादूराम कुंदन, युवा कांग्रेस अध्यक्ष मनमोहन चौधरी, युवा कांग्रेस विजेंद्र चौधरी, पंचायत समिति सदस्य भीम सिंह गॉड समेत एक दर्जन लोगों ने भाजपा का दामन थामा है।

23 नवंबर को आएगा परिणाम
सोमवार को कांग्रेस पार्टी के नेताओं का भाजपा में शामिल होना काफी नुकसानदेय हो सकता है। लेकिन खींवसर सीट की लड़ाई इस बार भी दिलचस्प रहेगी। अब 23 नवंबर को देखना होगा कि कौन किस भर कितना भारी है।