Rajasthan: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग से ठीक एक दिन पहले राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के OSD रहे लोकेश शर्मा ने 4 बड़े खुलासे किए। अशोक ने दावा किया कि अशोक गहलोत ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके सभी 18 विधायकों के फोन टैप करवाए थे। उन्होंने मुझे खुद पेनड्राइव में तीन क्लिप दी थी। जिसे मीडिया में जानबूझकर लीक किया गया। गहलोत अपनी कुर्सी बचाने के लिए जनता के बीच यह ओपिनियन बनाना चाहते थे कि सचिन पायलट और उनका गुट उनकी सरकार गिराने की साजिश रच रहे हैं।
बागी बन चुके लोकेश शर्मा का दावा है कि अशोक गहलोत की वजह से सचिन पायलट मुख्यमंत्री नहीं बने। उन्होंने दावा किया कि गहलोत सरकार में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने मीडिया को रिकॉर्डिंग के सूबत भी दिखाए।
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#WATCH | Jaipur: Lokesh Sharma, OSD to former Rajasthan CM Ashok Gehlot accuses the latter of tapping phones of his party leaders trying to 'topple' his government in the state.
— ANI (@ANI) April 25, 2024
He says, "... Till today, I kept telling everyone that I received those audio clips from social… pic.twitter.com/XCfTPh33Sq
पढ़िए पूरी कहानी...लोकेश शर्मा की जुबानी
लोकेश शर्मा ने कहा, 'मैं आज तक सबको यही बताता रहा कि मुझे वो ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया से मिलीं। लेकिन ये सच नहीं है। 16 जुलाई 2020 को कुछ ऑडियो क्लिप मीडिया के जरिए वायरल हुई थीं। क्योंकि मैंने उन्हें लीक किया था। उन ऑडियो में विधायकों को खरीदकर सरकार गिराने की साजिश की जा रही थी। मैंने वही किया जो मुझे कहा गया था। एक दिन अशोक गहलोत के पीएसओ रामनिवास ने मुझे फोन किया और मुझे सीएम हाउस आने के लिए कहा। क्योंकि सीएम मुझसे मिलना चाहते थे। जैसे ही मैं उनके पास पहुंचा, उन्होंने एक पेन ड्राइव और एक कागज दिया। जिसे मैंने मीडिया के जरिए लोगों के बीच वितरित किया। इस कागज में कथित तौर पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच बातचीत का संदर्भ था। साथ ही शेखावत, दिवंगत विधायक भंवरलाल शर्मा और संजय जैन की ऑडियो क्लिप थी। मुझे ये ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया के माध्यम से नहीं मिलीं, सीएम अशोक गहलोत ने खुद इस पेन ड्राइव में मुझे सौंपा और मुझसे इन्हें मीडिया को प्रसारित करने के लिए कहा।'
'पूरे मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को मुख्य आरोपी बनाया गया और आरोप लगाया गया कि बीजेपी सचिन पायलट और अन्य विधायकों के साथ मिलकर सरकार गिराने की कोशिश कर रही है। वे यह साबित करना चाहते थे कि इस सबके पीछे भाजपा का हाथ है, जबकि सच्चाई ये नहीं है। तब डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने यहां तक कहा था कि जब वे अपना पक्ष बताना चाहते थे, तब भी कोई उनकी बात नहीं सुन रहा था। इसलिए वे सभी एकजुट होकर पार्टी आलाकमान के पास पहुंचे। लेकिन जैसे ही सीएम अशोक गहलोत को इसकी जानकारी मिली, उन्होंने सभी के फोन सर्विलांस पर लगा दिए और उन्हें ट्रैक कर रहे थे, जिनमें सचिन पायलट भी शामिल थे।'
शेखावत ने लोकेश पर दर्ज कराया था केस
शेखावत ने लोकेश शर्मा पर कथित बातचीत लीक करने का आरोप लगाते हुए पुलिस में मामला दर्ज कराया था। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर अशोक गहलोत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर किया। फोन टैपिंग मामले की जांच दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा कर रही है। दिल्ली पुलिस ने लोकेश शर्मा को पूछताछ के लिए बुलाया था। वह फिलहाल दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत पर हैं, जिसने उनके खिलाफ गैर-जबरन कार्रवाई का आदेश दिया है।
लोकेश शर्मा के तीन और बड़े आरोप
- लोकेश शर्मा ने दावा किया कि फोन टेपिंग में सीएमओ के अफसर, डीजीपी, गृह विभाग के अफसरों की मिलीभगत थी। पायलट और अन्य के फोन सर्विलांस पर रखे गए थे और टैप किए गए थे।
- अशोक गहलोत के कहने पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की छवि खराब करने के लिए संजीवनी क्रेडिट सोसायटी का मुद्दा उठाया गया था।
- लोकेश शर्मा ने यह भी आरोप लगाया है कि 2022 के आरईईटी पेपर लीक मामले में अशोक गहलोत के करीबी सहयोगियों को उनके द्वारा बचाया गया था। अगर भाजपा सरकार सबूत मांगेगी तो देने को तैयार हूं।