जयपुर। राजस्थान के नए मुखिया भजनलाल शर्मा अपनी पहली कैबिनेट में बड़े फैसले ले सकते हैं। जानकारों का कहना है कि जिस तरह मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव ने खुले में मांस-अंडे बेचने पर रोक लगा दी है, उसी तरह का फैसला राजस्थान सरकार भी ले सकती है। नए सीएम की कैबिनेट बैठक जल्द होने वाली है।  

इन मुद्दों पर लग सकती है मुहर 
राजस्थान में खुले में मांस और अंडे की बिक्री पर प्रतिबंध लग सकता है। देश में सबसे ज्यादा राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर वैट है। कैबिनेट की पहली बैठक में इस मुद्दे पर विचार विमर्श हो सकता है। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के तहत अपराधों और महिला अत्याचारों को लेकर एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन किया है, उसी तरह राजस्थान में भी ऐसी ही स्क्वायड टीम बनाई जा सकती है।

मंत्रिमंडल में जातिगत आधार का खयाल रखा जा सकता है
नए सीएम के शपथ ग्रहण के अब नए मंत्रियों को लेकर सुबगुबाहट तेज हो गई है। कई वरिष्ठ और लोकप्रिय नेताओं को मंत्री बनाने की चर्चा चल रही है। कहा जा रहा है कि दो फेज में मंत्री बनाए जा सकते हैं। पहले फेज में 20 से 25 मंत्री बनाए जा सकते हैं। जबकि दूसरे फेज का मंत्रिमंडल विस्तार लोकसभा चुनाव के बाद हो सकता है। चर्चा तो यह भी है कि मंत्रिमंडल में जातिगत आधार का खयाल रखा जाएगा।

भाजपा के 115 विधायक हैं  
बता दें कि वर्तमान भाजपा विधायकों के जातीय गणित पर नजर डालें तो राजपूत 17, जाट 12, ब्राह्मण 12, एससी के 23,  गुर्जर 5, वैश्य 8, रावत 3, नागर/धाकड़ 3, कलवी/पटेल 3, बिश्नोई 2, सैनी 2, यादव 2, सिंधी 2, देवासी, राजपुरोहित, जट/सिख 1-1, अन्य दो को मिलाकर बीेजेपी के 115 विधायक हैं।

गृह मंत्री के लिए इनकी चल रही चर्चा 
बता दें कि गृह मंत्रालय के लिए राजस्थान के चार दिग्गजों के नाम चल रहे हैं। पहला नाम किरोड़ीलाल मीणा का है। जो आदिवासी वर्ग से आते हैं। बाबा बालकनाथ को भी यह मंत्रालय मिल सकता है। हारे हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया भी इस दौड़ में शामिल हैं। 

ये भी बन सकते हैं मंत्री
कुछ विधायकों भी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। इनमें कालीचरण सराफ, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, मदन दिलावर, ओटाराम देवासी, जितेंद्र गोठवाल, गोपाल शर्मा, जवाहर सिंह बेडम, जगत सिंह, हरलाल सहारण, विश्वराज मेवाड़, जोगेश्वर गर्ग पुष्पेंद्र सिंह राणावत, संजय शर्मा, लादू लाल पिपलिया, जयदीप बिहाणी, हंसराज पटेल, पब्बाराम बिश्नोई, हीरालाल नागर, ताराचंद जैन, भैरा राम चौधरी और लालाराम बैरवा का नाम चर्चा में है।

महिलाओं को भी बनाया जा सकता है मंत्री
भाजपा महिला विधायकों को भी मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है। सबसे प्रमुख नाम अनीता भदेल का है। भदेल वसुंधरा सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री रह चुकी हैं। उनका नाम मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में भी चल रहे हैं। मंत्री पद की दौड़ में दीप्ति माहेश्वरी, सिद्धि कुमारी और नोक्षम चौधरी भी शामिल हैं।