तेंदुए के आतंक का अंत: वन विभाग और पुलिस ने आदमखोर को मारी गोली, कई लोगों की ले चुका था जान

Leopard Shootout: राजस्थान के उदयपुर के गोगुंदा गांव में आदमखोर तेंदुए की दहशत से लोगों को मुक्ति मिल गई। शुक्रवार (18 अक्टूबर) की सुबह वन विभाग और पुलिस की टीम ने मदार इलाके में आदमखोर तेंदुए को गोली मार दी। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। सूत्रों के अनुसार, इसी लेपर्ड ने बीते एक महीने में 10 लोगों का शिकार किया था।
गोली मारने का दिया था आदेश
बता दें कि पूरे इलाके में तेंदुए ने बीते 1 महीने से आतंक मचा रखा था। तेंदुए के कई लोगों पर हमला किया। 8 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। तेंदुए के आतंक को देखते हुए वन विभाग ने आदमखोर को गोली मारने के आदेश जारी किए थे। इसके बाद से ही उसकी तलाश की जा रही थी। शुक्रवार को आखिरकार सफलता मिल गई। मारा गया तेंदुआ 'आदमखोर' है या नहीं? जांच के बाद ही पुष्टि होगी।
तेंदुए ने अब तक इन दस लोगों की ली जान:
शिकार की तारीख | शिकार हुए शख्स का नाम | शिकार का निवास स्थान |
8 सितंबर | रामली बाई | कीरट, झाड़ोल |
19 सितंबर | कमला | उंडीथल, गोगुंदा |
19 सितंबर | खुमा | भेड़िया, गोगुंदा |
20 सितंबर | शंकर | सरणा फला, झाड़ोल |
25 सितंबर | सूरज | कुरड़ाऊ, गोगुंदा |
26 सितंबर | हमेरी बाई | उमरिया, गोगुंदा |
28 सितंबर | गटू बाई | गुर्जर खेड़ा, गोगुंदा |
30 सितंबर | पुजारी विष्णुपुरी | राठौड़ों का गुड़ा, बड़गांव |
1 अक्टूबर | कमला कंवर | केलवों का खेड़ा, गोगुंदा |
16 अक्टूबर | केशी बाई | मदार, बड़गांव |
दहशत में जी रहे ग्रामीण
मदार गांव में पिछले 5 दिन में लेपर्ड ने कई हमले किए। बुधवार को खेत में काम कर रही दो महिलाओं पर हमला किया। एक महिला मांगीबाई की लेपर्ड के हमले में मृत्यु हो गई। केसीबाई के हाथ में घाव है। उनका इलाज जारी है। मंगलवार रात को पालड़ी गांव में लेपर्ड ने एक गाय के बछड़े का शिकार किया। रविवार को बड़ी गांव में लेपर्ड ने गाय के बछड़े का शिकार किया था। लेपर्ड के लगातार बढ़ते मूवमेंट से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ था।
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