‘जो राम का नहीं, संविधान का भी नहीं...उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत के लिए कह दी बड़ी बात....
Vice President Jagdeep Dhankar Jhalana Visit : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने झलाना में कहा, जो लोग राम को नहीं मानते, वह संविधान का भी विरोध कर रहे हैं। बताया कि राम मंदिर का जिक्र संविधान में भी है। राम, लक्ष्मण और सीता के चित्र है। ;

Vice President Jagdeep Dhankar Jhalana Visit : राष्ट्रीय इलेक्ट्रोपैथी दिवस पर इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद द्वारा झालाना के आरआईसी में सेमिनार हुआ। इसमें बतौर अतिथि शामिल हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राममंदिर को संविधान से जोड़ते हुए कहा, जो लोग राम को नहीं मानते वह संविधान का भी विरोध कर रहे हैं। बताया कि राम मंदिर का जिक्र संविधान में भी है। संविधान में राम, लक्ष्मण और सीता की तस्वीर भी है।
उपराष्ट्रपित ने बताया कि मुझे राम मंदिर का निमंत्रण मिला तो मैंने कहा कि राम की कल्पना, राम-राज्य की कल्पना भारत के संविधान में निहित है। संविधान के निर्माताओं ने इसे पराकाष्ठा पर रखा है। संविधान में जो बीस से ज्यादा चित्र हैं, उनमें मौलिक अधिकारों के ऊपर जो ऊपर चित्र है, उसमें राम-लक्ष्मण-सीता हैं। मुझे बहुत पीड़ा होती है, जब कोई अज्ञानी, इतिहास से अनभिज्ञ, हलफनामा दे देते हैं कि राम काल्पनिक है। वह वर्तमान में किसी का अनादर नहीं कर रहे हैं, वह हमारे संविधान निर्माताओं का अनादर कर रहे हैं, जिन्होंने बहुत सोच समझकर विवेकपूर्ण तरीके से उन चित्रों को वहां रखा है।
जो लोग समाज को हिस्सों में बांटना चाहते हैं, तात्कालिक राजनीतिक फायदे के लिए जहर फैलाना चाहते हैं, वे ही 35 बनाम 1 की बात करते हैं, 20 बनाम 10 की बात करते हैं।
— Vice President of India (@VPIndia) January 13, 2024
वह लोग समाज के दुश्मन नहीं, बल्कि खुद के भी दुश्मन हैं।
उनका आचरण अमर्यादित ही नहीं, घातक है।
मेरा आपसे अनुरोध है कि… pic.twitter.com/rXI1M2Hu9e
स्वास्थ्य की दृष्टि से मोटे अनाज अहम
उपराष्ट्रपि ने बताया कि यदि अगर किसी क्षेत्र में सबसे बड़ी छलांग भारत ने लगाई है तो वह स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगाई है। प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में स्वास्थ्य मूल केंद्र रहा है, विकास का मूल मंत्र रहा है। यही कारण है की पहली बार देश में आयुष मंत्रालय बना। दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य कार्यक्रम आयुष्मान भारत शुरू हुआ। दुनिया में मोटे अनाज या 'श्री अन्न' का बहुत बड़ा चलन हो गया है। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह बहुत जबरदस्त है। प्रधानमंत्री जी ने दूरदर्शिता दिखाते हुए संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से 'International Year of Millets' declare कराया। किसान की हालत तो उससे सुधरेगी ही, साथ बहुत सी व्यवसायिक सभांवनाएं भी वहां से निकलेंगी