Akhilesh Yadav replied to CBI summons: केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को अवैध खनन मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था। गुरुवार को अखिलेश यादव को सीबीआई के दिल्ली स्थित कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए। हालांकि, सपा प्रमुख ने CBI को जवाब देते हुए सीबीआई से लखनऊ में जांच कराने की मांग की है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ने का विकल्प भी मांगा है। 

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने CBI को भेजे जवाब में कहा है कि जांच में हर संभव सहयोग के लिए तैयार हूं, लेकिन जांच लखनऊ में होनी चाहिए। उन्होंने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नोटिस जारी करने पर सवाल उठाते हुए कहा, सवाल जवाब के लिए वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए भी सवाल जवाब को तैयार हूं। 

यह है मामला, अवैध खनन मामले में विटनेस हैं पूर्व मुख्यमंत्री 
अखिलेश यादव 2012 से 2017 तक यूपी के मुख्यमंत्री थे, तभी अवैध खनन का यह मामला सामने आया था। CBI ने 28 जुलाई 2016 को आए हाईकोर्ट के फैसले के बाद एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी। मामले में डीएम हमीरपुर, जियोलॉजिस्ट, माइनिंग ऑफिसर, क्लर्क, लीज होल्डर और प्राइवेट और अज्ञात लोगों के खिलाफ 120 बी, 379, 384, 420, 511, प्रिवेंशन ऑफ करप्शन की धारा 13(1), (d) के तहत केस दर्ज है। 5 जनवरी 2019 को CBI ने 12 जगह दबिश देकर कैश और गोल्ड बरामद किया था। अब सीबीआई ने इस मामले में तत्कालीन CM अखिलेश यादव को
विटनेस के तौर पर पूछतांछ के लिए बुलाया है। 

सांसद डिंपल यादव ने उठाए सवाल
सपा प्रमुख अखिलेश यादव को सीबीआई से नोटिस मिलने पर उनकी पत्नी और समाजादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने मीडिया से चर्चा की। कहा, यह चुनाव के समय परेशान की साजिश है। भाजपा सरकार लगातार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उत्तर प्रदेश की जनता लोकसभा चुनाव में जवाब देगी। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन बेहतर प्रदर्शन करेगा।