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suicide due to online game: कानपुर में 17 वर्षीय एक छात्र ने ऑनलाइन गेम में पिता के खाते से 50 हजार रुएए गंवा दिए। बाद में जहर खाकर जान दे दी।

suicide due to online game: भारत में तेजी से बढ़ती ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री नाबालिग बच्चों के लिए जानलेवा बन गई है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक छात्र ऑलाइन गेम के मकड़जाल में इस तरह उलझा कि मौत को गले लगाने के सिवाय कोई रास्ता नहीं दिखा। परिवार के नाम अंतिम पत्र में उसने कई मार्मिक बातें लिखी हैं। 

बात कर रहे हैं कि अर्मापुर के रहने वाले नितिन की। रविवार को नितिन का शव कानपुर के दादानगर स्थित रामगंगा नहर के चैनल में फंसा मिला था। पुलिस ने शिनाख्त कराने के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। साथ ही बताया, नितिन के पिता नीतेश आर्डनेंस फैक्टरी के कर्मचारी हैं। वह मूलरूप से बिहार (छपरा) के रहने वाले हैं। नौकरी के सिलसिले में कानपुर में परिवार के साथ रह रहे थे। 

पुलिस की मानें तो नितिन तीन बहनों के बीच इकलौता भाई था। ऑनलाइन गेम में उसने पिता के खाते से 50 हजार रुपए गंवा दिए थे।  डांट-फटकार की डर से 15 जनवरी को पत्र लिखकर घर छोड़ दिया। परिजनों ने काफी तलाश की, लेकिन नहीं मिला। लिहाजा, थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। 

बहनों से माफी, कहा, मां-पिता का ख्याल रखना 
पत्र में उसने नहर में कूदकर जान देने की बात लिखी थी। साथ ही घर के सभी सदस्यों से माफी मांगते हुए बहनों से अपना और माता-पिता का ख्याल रखने की बात कही थी। कहा, 50 हजार गंवाने के बाद मैं उनकी नजरों में गिर गया हूं। अब कभी सामना नहीं कर पाऊंगा। इसलिए जा रहा हूं। 

बेटा...मेरे लिए रुपए नहीं तुम जरूरी थे 
परिजनों ने बताया कि नितिन के साथ पहले भी ऑनलाइन गेम के नाम पर धोखाधड़ी हो चुकी है। तब पिता ने डांट फटकार लगाते हुए कुछ दिन तक उसके साथ बात नहीं की, लेकिन 15 जनवरी के के आसपास वह फिर ऑनलाइन ठगी का शिकार हो गया, लेकिन किसी ने सोचा नहीं था कि इतना आत्मघाती कदम उठा लेगा। नितिन की मौत के बाद मां और बहनें बहदवास हैं। पिता नितेश फफक फफक कर रो रहे हैं। कहते हैं बेटा...कास तुम समझ पाते कि मेरे लिए रुपए नहीं तुम जरूरी थे।  

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