Ayodhya Jhulan Utsav 2024: श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में इन दिनों झूलन उत्सव मनाया जा रहा है। यह उत्सव 19 अगस्त तक चलेगा। वृंदावन के 10 कलाकारों ने रामलला के लिए खास झूला बनाया है। इसकी कीमत 2 करोड़ है। झूले में 140 किलो चांदी और 700 ग्राम सोने का इस्तेमाल है।

राजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के रामलला सदन में मंगलवार को प्रभु राम व उनके चारों भाई झूले पर विराजे गए। इस दौरान गुजरात में बना मुकुट भी अयोध्या लाया गया है। इसकी डिजाइन दक्षिण भारतीय परंपरा पर आधारित है।  

अमेरिका समेत कई देशों से भक्त पहुंचे
अयोध्या में झूलन उत्सव के चलते देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। विदेशों से भी कई भक्त पहुंच रहे हैं। इस समारोह में अयोध्या के 50 से ज्यादा प्रमुख धर्माचार्य शामिल हो गए। 

भूल-चूक के लिए प्रायश्चित
जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी राघवाचार्य के मार्गदर्शन में यह पूरा कार्यक्रम संपन्न हो रहा है। उन्होंने बताया, झूले में प्रभु श्रीराम, माता जानकी और भाई लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न विराजेंगे और संत झूला झुलाएंगे। मंदिर परिसर में भजन-गायन होंगे। इस दौरान पूरे साल में हुई भूल-चूक के लिए प्रायश्चित करते हैं। मंदिर को आकर्षक तरीके से सजाते हैं। भगवान को विशेष मालाएं पहनाते हैं। हवन-पूजन भी होता है। 

300 साल पुराना मंदिर
रामानुजाचार्य स्वामी राघवाचार्य ने बताया, राम मंदिर से रामलला सदन 150 मीटर दूर है। रामलला दर्शन मार्ग मोहल्ला रामकोट में स्थित इस मंदिर को दक्षिण भारतीय वास्तु परंपरा के अनुसार बनवाया गया है। 2 साल पहले CM योगी ने इसका उद्घाटन किया था। मान्यता है कि त्रेताकाल में इसी जगह भगवान राम और उनके भाइयों को संस्कार मिले। उनका नामकरण भी यहीं हुआ था। यह मंदिर 300 साल पुराना है। बाद में भव्य स्वरूप दिया गया।