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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या के नवनिर्मित मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी को मध्याह्न अभिजीत मुहूर्त में होगी। विशेष तैयारी की गई हैं। देशभर के विभिन्न परांपराओं के संत-महंत, कलाकार और ख्यात हस्तियां शामिल होंगी।

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा प्रत्येक भारतवासी के लिए गौरव का क्षण है। इसे खास बनाने देश के 25 दुर्लभ वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति होगी। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में 121 आचार्य, अनुष्ठान के संयोजक गणेश्वर शास्त्री द्राविड़,  प्रमुख आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित काशी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे। 

16 से 21 जनवरी तक विशेष अनुष्ठान 
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय ने बताया कि प्राण-प्रतिष्ठा की विधि 16 जनवरी से शुरू होगी और 21 जनवरी तक चलेगी। 16 को प्रायश्चित एवं कर्म कुटी पूजन, 17 जनवरी को मूर्ति का परिसर प्रवेश, 18 जनवरी सायंकाल तीर्थ पूजन व जल यात्रा, जलाधिवास एवं गंधाधिवास, 19 जनवरी सुबह औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास सायंकाल धान्याधिवास 20 जनवरी शर्कराधिवास, फलाधिवास, एवं शाम पुष्पाधिवास 21 जनवरी को मध्याधिवास, शाम शय्याधिवास, द्वादश अधिवास होंगे, सामान्यतया प्राण-प्रतिष्ठा में सप्त अधिवास होते हैं।

#WATCH अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा, "23 जनवरी की सुबह से सभी के लिए राम मंदिर खुला है, मतलब जो भी आएंगे वे भगवान राम के दर्शन कर सकते हैं।" pic.twitter.com/iBfZ5cHopn

150 से अधिक परम्पराओं का संगम पहली बार 
चम्पत राय ने बताया कि प्राण-प्रतिष्ठा का साक्षी बनने देश की सभी आध्यात्मिक धार्मिक मत, पंथ, संप्रदाय, उपासना पद्धतियों के सभी अखाड़ों के आचार्य, सभी पंरपराओं के आचार्य, सभी सम्प्रदायों के आचार्य, 150 से अधिक परम्पराओं के सन्त, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, महंत, नागा साथ ही 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी तटवासी, द्वीपवासी जनजाती परंपराओं की उपस्थिति भारत वर्ष के निकटवर्ती इतिहास में पहली बार हो रही है। यह अपने आप में विशिष्ट होगा। इसमें शैव, वैष्णव, शाक्त, गणपत्य, पत्य, सिख, बौद्ध, जैन, दशनाम शंक रामानंद्र, रामानुज, निम्बार्क, मद्धव, विष्णु नामी, रामसनेही, घीसा पंथ, गरीबदासी, गौड़ीया, कबीरपंथी, वाल्मीकि, असम से शंकरदेव, माधव देव, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, चिन्मय मिशन, भारत सेवाश्रम - गायत्री परिवार, अनुकूलचंद, ठाकुर परंपरा, उड़ीसा का महिमा समाज, पंजाब से अकाली, निरंकारी, नाम राधास्वामी तथा स्वामीनारायण, वारकरी, वीर शैव परंपरा के संत शामिल होंगे। 

देश्भर से पहुंच रही भेंट 
श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का उत्साह सर्वत्र अनुभव हो रहा है, अयोध्या सहित सम्पूर्ण भान में उत्सव को भव्यता से मानने का संकल्प ले लिया है। भिन्न-भिन्न प्रदेशों के जल, स्वर्ण, रजत, रत्न, वस्त्र, आभूषण विशाल घंटा, नगाड़ा और सुगंधि लेकर लोग आते जा रहे हैे। जनकपुर व सीतभार (पुत्री के घर निर्माण के समय भेजा जाने वाला उपहार) लेकर बड़ी मात्रा में लोग उपस्थित हुए हैं। भगवान की ननिहाल रायपुर से भिन्न-भिन्न आभूषण समर्पित किए गएद्ध श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के लोगों से आह्वान है कि 22 को आसपास के मंदिरों की सज और मंदिर के देवता की उपासना के अनुरूप भजन, पूजन, कीर्ति और आरती जरूर करें।

राम ज्योति से प्रकाशनमान करें घर-द्वार 
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को संचार माध्यम से स्क्रीन लगाकर सामूहिक रूप से देखें, इसके पूर्व आसपास के-स्वच्छता का प्रयास भी करना चाहिए। 22 जनवरी की शाम घर पर दीपक जलाकर राम ज्योति से प्रकाशनमान करें। उन्होंने बताया कि 22 जनवरी की शाम पांच दीपक श्रीरामलला के नाम जय जय श्री राम। श्रीरामजन्मभूमि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह सुबह 10 बजे से प्राण- प्रतिष्ठा मुहूर्त के ठीक पहले तक, 2 घण्टे के लिए श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर में शुभ की प्रतिष्ठा के लिए मंगलध्वनि का आयोजन किया जा रहा है। हमारी भारतीय संस्कृति की परम्परा में किसी भी शुभ कार्य, अनुष्ठान पर देवता के सम्मुख आनन्द के लिए पारम्परिक ढंग से मंगलध्वनि का विधान है।

अयोध्या में बजेंगे यह बाद्ययंत्र
चम्पत राय ने बताया कि उत्तर प्रदेश-पखावज, बांसुरी और ढोलक, कर्नाटक-वीणा, महाराष्ट्र-सुन्दरी, पंजाब-अलगोजा, उड़ीसा-मर्दल, मध्य प्रदेश-सन्तूर, मणिपुर-पुंग, असम-नगाड़ा, काली, छत्तीसगढ़-तम्बूरा, बिहार-पखावज, दिल्ली-शहनाई, राजस्थान-रावणहत्था, पश्चिम बंगाल-श्रीखोल, सरोद आन्ध्र प्रदेश, घटम झारखण्ड, सितार, गुजरात-सन्तार, तमिलनाडु-नागस्वर, तविल और मृदंगम् उत्तराखण्ड-हुडक़ा इस मांगलिक संगीत कार्यक्रम के संयोजक प्रख्यात लेखक व कलाविद् यतीन्द्र मिश्र हैं। केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी दिल्ली सहयोग करेगी। चंपत राय ने कहा, 22 जनवरी हर व्यक्ति पांच दीपक रामलला के नाम जला जरूर जलाएं।  

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