Azam Khan: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) को डूंगरपुर केस में रामपुर MP/MLA कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही उन पर 14 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। बुधवार को कोर्ट ने आजम खान को डूंगरपुर की जमीन कब्जाने और घरों में घुसकर तोड़फोड़ के मामले में दोषी करार दिया था।
क्या है डूंगरपुर मामला ?
डूंगरपुर केस 3 फरवरी 2016 का है, जिसमें आरोप है कि पुलिस लाइन के पास कुछ लोगों के मकानों को सरकारी मकान बताकर तोड़ दिया गया था। 2019 में बीजेपी सरकार आने के बाद जेल रोड निवासी एहतेशाम ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज कराया था। एहतेशाम का आरोप है कि सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां, बरेली के ठेकेदार बरकत अली, रामपुर के पूर्व पालिका अध्यक्ष अहमद खां ने पुलिस वालों के साथ उनके घर में घुसकर मारपीट की और उन्हें घर से बाहर निकाल दिया। उन्होंने 25 हजार रुपए और एक मोबाइल फोन भी लूट लिया। जब एहतेशाम ने इस मामले की शिकायत सपा सरकार में मंत्री आजम खान से की, तो उनकी बात सुनने के बजाय उन्हें मारपीट कर भगा दिया गया।
डूंगरपुर मामले में दर्ज हैं 12 मुकदमे
डूंगरपुर बस्ती को खाली कराने के मामले में 2019 में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में 12 मुकदमे दर्ज हुए थे, जिनमें सभी वादी बस्ती के लोग थे। इन मुकदमों में से एक मामले में आजम खान को बरी कर दिया गया था। यह मुकदमा महिला रूबी ने लिखवाया था। इस मुकदमे की सुनवाई के लिए आजम खान को सीतापुर जेल से रामपुर लाया जाएगा।
कोर्ट ने बीते शनिवार को सुनाया था फैसला
रामपुर MP/MLA कोर्ट ने शनिवार को इस मामले की सुनवाई की, जिसमें पूर्व मंत्री आजम खान, सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां, बरेली के ठेकेदार बरकत अली, रामपुर के पूर्व पालिका अध्यक्ष अहमद खां को दोषी करार दिया गया। वहीं, सपा नेता ओमेंद्र चौहान, फरमान और जिबरान को बरी कर दिया गया। कोर्ट ने लूट की धारा को हटा दिया है।
आजम खान पर 80 से अधिक मुकदमे
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान पर 2019 में 80 से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए थे। इनमें से तीन मामलों में उन्हें सजा हो चुकी है और दो में वे बरी हो चुके हैं। वर्तमान में आजम खान और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम जेल में हैं। वहीं, तंजीम फात्मा को अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में जमानत पर रिहा कर दिया गया है।