Martyr Mohit Rathore funeral: जम्मू-कश्मीर आतंकी हमले में शहीद हुए जवान मोहित राठौड़ का शव रविवार सुबह बदायूं जिले स्थित उनके घर पहुंचा तो हर कोई गमगीन हो गया। अंतिम दर्शन के लिए 50 हजार से ज्यादा लोग उनके गांव सवानगर पहुंचे। मोहित राठौर शुक्रवार रात जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे। कश्मीर में 20 दिन पहले ही उनकी पोस्टिंग हुई थी। गर्भवती पत्नी और बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
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सवानगर गांव से 6 किलोमीटर पहले इस्लामनगर से शुरू हुई शवयात्रा में 50 हजार लोग शामिल हुए। लोगों ने जब तक सूरज चांद रहेगा मोहित तेरा नाम रहेगा, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। शव सवानगर गांव पहुंचा तो बेटे को ताबूत में देखकर पिता फफक कर रो पड़े। परिवार और रिश्तेदार उनको ढांढस बंधाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे।
- शहीद मोहित राठौड़ की अंतिम यात्रा गृहगांव सवानगर से 6 किमी पहले इस्लामनगर से शुरू हुई। जिसमें 50 हजार लोग शामिल हुए। इस दौरान सूरज चांद रहेगा मोहित तेरा नाम रहेगा, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे गूंजते रहे।
- मोहित की पार्थिव देह जैसे ही सवानगर पहुंची पिता फफक कर रो पड़े। पत्नी शव देखते ही बेहोश हो गईं। उन्हें देख हर किसी की आंखें नम हो गईं। कोई ढांढस बंधाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे।
- डीएम निधि श्रीवास्तव और एसएसपी ब्रजेश सिंह समेत अन्य अफसरों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
3 बहनों के बीच इकलौते भाई थे मोहित, पत्नी प्रेगनेंट
मोहित सिंह राठौर सवानगर निवासी किसान नत्थू सिंह के इकलौते बेटे थे। 2017 में वह आर्मी में भर्ती हुए। तीन बहनों के बीच वह अकेले भाई थे। डेढ़ वर्ष पहले ही शादी हुई थी। उनके कोई बच्चा नहीं है, पत्नी प्रेगनेंट हैं। मां कलावती का निधन 12 वर्ष पहले हो गया है। उनके शहादत की सूचना परिवारवालों को मोहित के दोस्त ने फोन कर दी थी।