Bahraich violence:उत्तर प्रदेश के बहराइच में हाल ही में हुई हिंसा के बाद प्रशासन हाई अलर्ट मोड में नजर आ रहा है। शुक्रवार की नमाज को ध्यान में रखते हुए शहर के कई हिस्सों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। शहर में बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। जिला प्रशासन सीधा मुख्यमंत्री कार्यालय के संपर्क में है।
वीडियो फुटेज से हो रही उपद्रवियों की पहचान
उत्तर प्रदेश के बहराइच में हुई हिंसा के बाद प्रशासन हालात पर कड़ी नजर रख रहा है। अब तक 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 100 से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। सुरक्षा के लिए शहर को 9 सेक्टर्स में बांटा गया है। वीडियो फुटेज के जरिए उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। लखनऊ से मुख्यमंत्री कार्यालय भी लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है। सीएम ऑफिस बहराइच प्रशासन से पल-पल की जानकारी ले रहा है।
जुमा की नमाज से पहले सुरक्षा चाक-चौबंद
हिंसा के बाद से ही बहराइच में रैपिड रिस्पांस फोर्स (Rapid Response Force) की तैनाती कर दी गई है। सुबह की नमाज के वक्त भीड़ इकट्ठा होने की संभावना को देखते हुए सुरक्षा और बढ़ाई गई है। प्रभावित इलाकों को 9 अलग-अलग सेक्टरों में बांटा गया है। इन सभी इलाकों में पुलिस और प्रशासन की टीम तैनात हैं। साथ ही बाहरी लोगों की आवाजाही पर सख्ती से प्रतिबंध लगा दिया गया है ताकि शहर में शांति बनी रहे।
सीएम ऑफिस ने बनाया कंट्रोल रूम
सीएम ऑफिस लगातार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से अपडेट ले रहा है। एक कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है, जहां से पूरे मामले की मॉनिटरिंग की जा रही है। पुलिस ने इस मामले में अब तक 50 लोगों को हिरासत में लिया है और 100 से अधिक लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। जिला अधिकारी मोनिका रानी और पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में फ्लैग मार्च किया है।
प्रशासन ने लोगों से की शांति बनाए रखने की अपील
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हिंसा से प्रभावित महाराजगंज और अन्य इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की जा रही है। पुलिस कर्मियों द्वारा बनाए गए वीडियो के आधार पर भी उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। डीएम मोनिका रानी ने शुक्रवार की सुबह मीडिया से बातचीत में कहा कि स्थिति पूरी तरह से काबू में है। पुलिस बल हर मोर्चे पर मुस्तैद है।
बहराइच में कैसे शुरू हुई थी हिंसा?
रविवार शाम करीब 6 बजे बहराइच के रहुआ मंसूर गांव के 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्रा की अगुवाई में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन का जुलूस निकला था। यह जुलूस जब महाराजगंज के बाजार से होकर एक खास समुदाय की बस्ती से गुजर रहा था, तब नारेबाजी और डीजे बजाने को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई। यह कहासुनी कुछ ही देर में हिंसा में बदल गई। आरोप है कि छतों से पथराव होने लगा, जिससे भगदड़ मच गई। इस दौरान गोली चलने से रामगोपाल गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।