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Ayodhya Ram Mandir: बिहार के मिथलांचल से भार यात्री अयोध्या पहुंची। यहां के लोग माता सीता को बेटी और भगवान राम को अपना दामद मानते हैं। प्राण-प्रतिष्ठा पर रामलला के लिए 100 गाड़ियों में उपहार भेजे हैं। इसमें बिहार का प्रसिद्ध मखान भी शामिल है। 

Ayodhya Ram Mandir: श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या के भव्य मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है। इसे लेकर देशभर में उत्सव का माहौल है। रामभक्त दुनियाभर से भेंट लेकर पहुंच रहे हैं। रविवार को माता सीता के मिथिलांचल से भी बड़ी संख्या में भक्त भार यात्रा लेकर अयोध्या पहुंचे। भेंट के तौर पर मिथला का प्रसिद्ध मखान, लड्डू, खाझा, गांजा, खजुरी, पिड़किया और सोने चांदी के जेवर सहित अन्य उपहार लाए थे। 

दरअसल, सतातन संस्कृति में कोई भी शुभ कार्य होने पर ससुराल से भार यानी भेंट आती है। मिथलांचल के लोग इसी परंपरा का पालन करते हुए अयोध्या भेंट लेकर पहुंचे थे। मिथिला के लोग भगवान राम को अपना दामाद मानते हैं। बताते हैं माता-सीता की उत्पत्ति मिथिला की धरती से हुआ था। बिहार की सीतामढ़ी माता सीमा का प्रसिद्ध मंदिर भी है। जिसे लोग पुरौना धाम से जानते हैं। पुरौना धाम में भी अयोध्या की तर्ज पर भव्य मंदिर बनाया जा रहा है। 

सीता कुंड का पानी और माता जानकी के जन्मभूमि की मिट्टी भी लाए 
पुनौरा धाम के महंत कौशल किशोर दास ने बताया कि सीता कुंड का पानी, माता सीता की जन्मभूमि की मिट्टी, मिथिला का मखाना और चूरा-दही लेकर 1151 पात्रों के साथ सतों और भक्तों का दल अयोध्या पहुंचा है। सीतामढ़ी से सीता रसोई के लिए बर्तन और सोने चांदी के जेवर भी लाए गए हैं। भार यात्रा 13 जनवरी को सुबह 10 बजे गोपालगंज के रास्ते 101 वाहनों के काफिले के साथ निकले थे। 14 जनवरी को यात्रा अयोध्या पहुंचे। 
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