BSP MP Ritesh Pandey Join BJP: लोकसभा चुनाव से पहले बहुजन समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। बीएसपी सांसद रितेश पांडेय ने पार्टी की बसपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। कहा जा रहा है कि पांडेज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। खबरों के मुताबिक, भाजपा रितेश पांडेय को अंबेडकरनगर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बना सकती है।
रितेश पांडेय ने BSP का साथ छोड़ा
बहुजन समाजवादी पार्टी के सांसद रितेश पांडेय ने लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने त्याग पत्र में एक बड़ा नोट लिखा है और इस्तीफे की वजह भी बताए हैं। रितेश पांडेय ने अपने त्याग पत्र में लिखा, ''लंबे समय से मुझे न तो पार्टी की बैठकों में बुलाया जा रहा है और न ही नेतृत्व के स्तर पर संवाद किया जा रहा है।मैंने आपसे तथा शीर्ष पदाधिकारियों से संपर्क के लिए, भेंट के लिए अनगिनत प्रयास किए, लेकिन उनका कोई परिणाम नहीं निकला। इस अंतराल में अपने क्षेत्र में एवं पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से निरंतर मिलता-जुलता रहा तथा क्षेत्र के कार्यों में जुटा रहा। ऐसे में मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि पार्टी को मेरी सेवा और उपस्थिति की अब आवश्यकता नहीं रही। इसलिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देने के अलावा मेरे समक्ष कोई विकल्प नहीं है। पार्टी से नाता तोड़ने का यह निर्णय भावनात्मक रूप से एक कठिन निर्णय है।''
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सांसद की इस्तीफे पर बसपा सुप्रिमों मायावती का रिएक्शन
सांसद रितेश पांडेय की इस्तीफे के बाद बसपा सुप्रिमों मायावती का रिएक्शन सामने आया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से एक के बाद एक तीन ट्विट किए। उन्होंने पहले ट्विट में लिखा, ''बीएसपी राजनीतिक दल के साथ ही परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के मिशन को समर्पित मूवमेन्ट भी है जिस कारण इस पार्टी की नीति व कार्यशैली देश की पूंजीवादी पार्टियों से अलग है जिसे ध्यान में रखकर ही चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार भी उतारती है।
दूसरे ट्विट में उन्होंने लिखा, ''अब बीएसपी के सांसदों को इस कसौटी पर खरा उतरने के साथ ही स्वंय जांचना है कि क्या उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता का सही ध्यान रखा? क्या अपने क्षेत्र में पूरा समय दिया? साथ ही, क्या उन्होंने पार्टी व मूवमेन्ट के हित में समय-समय पर दिए गए दिशा-निर्देशों का सही से पालन किया है?
तीसरे ट्विट में उन्होंने लिखा, ''ऐसे में अधिकतर लोकसभा सांसदों का टिकट दिया जाना क्या संभव, खासकर तब जब वे स्वंय अपने स्वार्थ में इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं व निगेटिव चर्चा में हैं। मीडिया द्वारा यह सब कुछ जानने के बावजूद इसे पार्टी की कमजोरी के रूप में प्रचारित करना अनुचित। बीएसपी का पार्टी हित सर्वोपरि।