CM Yogi Adityanath Gorakhpur Rally: सीएम योगी ने कहा कि गोरखपुर हमारे लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि 1986 में वीर बहादुर सिंह के मुख्यमंत्री रहते हुए राम मंदिर का ताला यहीं से खोला गया था। आज अयोध्या में जब रामलला विराजमान हैं तो यहां से रिकॉर्ड वोट मिलने चाहिए। मैं जनता से पूछता हूं कि वे मोदी जी को इतना प्यार क्यों करते हैं और बीजेपी का इतना समर्थन क्यों करते हैं, वे कहते हैं कि जो राम को लेकर आए हैं, उन्हें हम लाएंगे। राम भक्त ही राज करेगा दिल्ली के सिंहासन पर।
सपा-कांग्रेस का चरित्र राम विरोधी
सीएम योगी ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों का चरित्र राम विरोधी है। कांग्रेस ने वीर बहादुर सिंह को सीएम पद से हटा दिया था, क्योंकि वह राम के भक्त थे और उन्होंने मंदिर का ताला खोलने में योगदान दिया था। आज भी वे वही शब्द बोलते हैं। कांग्रेस का कहना है कि राम मंदिर नहीं बनना चाहिए था। इससे दुनिया में गलत संदेश गया है। समाजवादी पार्टी का कहना है कि राम मंदिर ठीक से नहीं बना है। राम मंदिर भारत की सनातन आस्था का प्रतीक है, इसलिए यह चुनाव राम भक्तों और राम गद्दारों के बीच आ गया है।
कांग्रेस ने स्वर्गीय वीर बहादुर सिंह जी को मुख्यमंत्री पद से इसलिए हटाया था, क्योंकि वे रामभक्त थे... pic.twitter.com/HY9pq62r9S
— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) May 28, 2024
उनके जाल में मत फंसना
उत्तर प्रदेश के सीएम ने इस बात पर जोर दिया कि राम भक्त देश का सम्मान बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने राम भक्तों पर गोलियां चलाईं, वे आज आपसे झूठ बोलने की पूरी कोशिश करेंगे, लेकिन उनके जाल में मत फंसिए। राम भक्त देश का सम्मान बढ़ा रहे हैं। 4-लेन, छह-लेन राजमार्ग बनाए जा रहे हैं। एम्स, आईआईटी, आईआईएम और हवाई अड्डे बन रहे हैं। गरीबों को आज 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है। किसानों को हर घर में उज्ज्वला गैस कनेक्शन का लाभ मिल रहा है।
गोरखपुर सीएम योगी की मजबूत सीट
भाजपा ने गोरखपुर से मौजूदा सांसद रवि किशन को चुनावी मैदान में उतारा है। यह सीट कांग्रेस-सपा गठबंधन में सपा के खाते में आई है। अखिलेश यादव की पार्टी ने काजल निषाद को चुनाव लड़ाया है। वहीं, मायावती की पार्टी बसपा ने यहां जावेद सिसमानी को उम्मीदवार बनाया है। गोरखपुर में चार लाख से अधिक निषाद वोटर हैं। जबकि तीन लाख राजपूत और ब्राह्मण, दो लाख दलित और डेढ़ लाख से ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं। यह सीट योगी आदित्यनाथ का गढ़ है। रवि किशन को 2019 के चुनाव में यह सीट विरासत में मिली थी।