CM Yogi Adityanath to officers: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोकसभा चुनाव के बाद एक्शन में मूड में हैं। गुरुवार को सीनियर अफसरों सख्त चेतावनी दी। कहा, जनहित के कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीएम योगी ने खाली पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया तेज करने का भी निर्देश दिया है। साथ ही कहा, सभी कार्य तय समय-सीमा में पूरा करने की आदत डालें। 

लखनऊ के कालिदास मार्ग स्थित सीएम हाउस में 'जनता दर्शन कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान जनता की शिकायतें सुनने के बाद अफसरों से कहा, समस्याओं का त्वरित हल कराएं। किसी काम की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जनहित से जुड़े मुद्दे सरकार की प्राथमिकता में हैं। 

सीएम योगी ने यह दिए निर्देश 

  • अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव विभाग से जुड़ी हर व्यवस्था, हर परियोजना व प्रकरण के लिए जवाबदेह होंगे। इसिलए समयबद्धता व गुणवत्ता बनाए रखना आपकी जिम्मेदारी है।  विभागीय मंत्री के साथ बेहतर समन्वय हो। जनहित के मामले अनावश्यक लंबित न रखें।
  • सीएम योगी ने कहा, जिन विभागों रिक्त पदों के लिए अधियाचन चयन आयोगों को भेजें। इसके लिए ई-अधियाचन की व्यवस्था लागू की है। नियमावली का सूक्ष्मता से परीक्षण कर लें। चयन प्रक्रिया की समय-सीमा होनी चाहिए। 
  • बजट में प्राविधानित धनराशि का यथोचित खर्च किया जाए। इसमें देरी न हो। वित्त विभाग विभागवार समीक्षा कर रहा है। बजट आवंटन और खर्च के नियमों का सरलीकरण अपेक्षित है। 
  • GST संग्रह के प्रयास तेज करें। फील्ड में तैनात अफसरों को टारगेट दें और परफॉर्मेंस के आधार पर पदोन्नति, पदस्थापना दी जाए। कर चोरी किसी हाालत में न होने पाए। तकनीक का उपयोग कर कर संग्रह में तेजी लाई जा सकती है। 
  • गर्मी सीजन में  अनावश्यक बिजली कटौती न होने पाए। ट्रांसफार्मर जलने, तार टूटने, व  ट्रिपिंग की समस्या का त्वरित निस्तारण हो। अधिकारी फोन अटेंड करें, कहीं भी विवाद की स्थिति न बनने पाए, यदि ऐसा हो तो वरिष्ठ अधिकारी तत्काल स्वयं मौके पर पहुंचें। 
  • सेफ सिटी परियोजना से जुड़े कार्य तय समय पर पूरे हों। प्रदेश में कहीं पेयजल का संकट न होने पाए। स्ट्रीट डॉग की समस्या का स्थायी समाधान तलाशें। साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करें। 
  • बरसात से पहले नालों की सफाई करा लें। ताकि, जलभराव की समस्या न हो। मलिन बस्तियों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। सॉलिड वेस्ट प्रबंधन के लिए ठोस प्रयास कर नियमित फॉगिंग कराई जाए। 
  • खनन कार्य में संलग्न वाहनों में ओवरलोडिंग न होने पाए। यह दुर्घटनाओं का कारक और नियम विरुद्ध है। बालू, मुरम, गिट्टी के अवैध खनन पर सख्ती से कार्रवाई की जाए। बरसात में इनके रेट बढ़ जाते हैं, विकास परियोजनाएं भी प्रभावित होती हैं। इसलि कालाबाजारी रोकें। 
  • निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों की गुणवत्ता और परियोजना की समयबद्धता सुनिश्चित कराएं। साप्ताहिक समीक्षा कर प्राचार्य व अन्य फैकल्टी के चयन प्रक्रिया योग्यता और तय मानकों के आधार पर पूरी कराएं। 
  • गन्ना पेराई का नया सत्र शुरू होने से पहले किसानों का बकाया भुगतान हर हाल में करा दिया जाए। गन्ना, उन्हीं मिलों को उपलब्ध कराया जाए, जिन्होंने भुगतान कर दिया है।  
  • जहरीली व अवैध शराब के कारोबार में सख्ती से रोक लगाई जानी चाहिए। इसका पूरा सिंडिकेट समाप्त करने ठोस कदम उठाए जाएं।  
  • महिला संरक्षण गृह कमिश्नरी स्तर पर क्रियाशील कर सभी 75 जनपदों तक इनका विस्तार किया जाए। NGO का चयन सावधानी व परदर्शी तरीके से करें। वरिष्ठ अधिकारी औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की समीक्षा करें। 
  • हर घर में नलजल से जल पहुंचाने ललितपुर, हमीरपुर, जालौन, झांसी, बांदा, चित्रकूट, सोनभद्र मीरजापुर सहित पूरे विंध्य व बुंदेलखंड में निर्माण कार्य आख़िरी चरण में है। इसमें तेजी लाए जाने की जरूरत है। हर गांव में प्रशिक्षित प्लम्बर तैनात किए जाएं। इस दौरान पर्याप्त पेयजल की आपूर्ति बनाएं रखें।  
  • बारिश सीजन में संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए चिकित्सकों व मैदानी अमले का सहयोग लिया जाए। जल जनित बीमारियों से बचाव के लिए इनकी आवश्यक ट्रेनिंग कराएं, लोगों में जागरूकता बढ़ाने के भी प्रयास हों। 
  • सहारनपुर और फतेहपुर के निर्माणाधीन स्पोर्ट्स कॉलेज में आगामी सत्र से एडिमशन होंगे। निर्माण कार्य समय से पूरी करा लें। मेरठ में निर्माणाधीन खेल विवि के कार्य में तेजी लाने की जरूरत है। 
  • गढ़मुक्तेश्वर आस्था का बड़ा केंद्र है। यहां के बृजघाट एवं आसपास के क्षेत्र में कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा घाट पर बहुत बडा ऐतिहासिक मेला लगता है। प्रदेश सरकार ने वार्षिक मेले का प्रांतीयकरण भी किया है। बृज घाट की महत्ता को दृष्टिगत रखते हुए इसके सुंदरीकरण के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें।
  • निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल, पशुधन संरक्षण एवं संवर्द्धन में उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं। कई जिलों में यह गोवंश स्थल सुव्यवस्थित ढंग से संचालित हो रहे हैं। बतौर उदाहरण इन्हें अन्य जनपदों के समक्ष प्रस्तुत कर बेहतरी के लिए प्रेरित करना चाहिए।