Darul Uloom Deoband Prohibits Women: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में देवबंद स्थित इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम ने अपने दरवाजे महिलाओं के लिए बंद कर लिए हैं। अब कैंपस में महिलाओं को प्रवेश नहीं मिलेगा। मैनेजमेंट ने शुक्रवार को कहा कि यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि लड़कियां और महिलाएं सोशल मीडिया पर आकर वीडियो बनाती थीं, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। 

वीडियो देखने के बाद देशभर से मिली शिकायतें
मोहतमिम (प्रशासक) मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने सभी महिलाओं के लिए प्रतिबंध और इसके कारणों की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि दारुल उलूम एशिया का सबसे बड़ी दीनी इस्लामिक सेंटर है। यहां इस्लामिक मदरसा है और किसी भी स्कूल में इस तरह की हरकतें स्वीकार्य नहीं हैं।

नोमानी ने कहा कि दारुल उलूम में शिक्षा का नया सत्र शुरू हो गया है। भीड़भाड़ के कारण छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। हमें इस संबंध में कई शिकायतें मिलीं। देशभर से शिकायतें आ रही थीं। इससे बदनामी हो रही थी। इसके बाद यह फैसला लिया गया है। 

पढ़ाई करने वाले बच्चों की मां-बहनें भी नहीं आएंगी
मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि कुछ महिलाओं ने इस प्रतिबंध को लगाने का विरोध किया था। लेकिन जब उन्हें समझाया गया तो वह मान गईं। निर्माणधीन लाइब्रेरी और एशिया की प्रसिद्ध मस्जिद रशीदिया में भी महिलाएं नहीं जा सकेंगी। साथ ही जिन लोगों के बच्चे यहां पढ़ रहे हैं। उन महिलाओं के आने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। अक्सर बच्चों की मां और बहने भी छात्रों से मिलने के लिए आ जाती थीं और उसके बाद वह दारुल उलूम में रील बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर देती थीं।