UP को मिलेगा स्थायी DGP: नियुक्ति प्रक्रिया के लिए नई नियमावली बनाई, अखिलेश यादव ने उठाए सवाल
यूपी में डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) की नियुक्ति के लिए नई नियमावली लागू की गई है। इसके लिए अब UPSC को पैनल नहीं भेजना पड़ेगा। अखिलेश यादव ने इस पर सवाल उठाए हैं।;

UP Director General of police: उत्तर प्रदेश में डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) की नियुक्ति को लेकर नई नियमावली को मंजूरी दी गई है। हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली समिति नए डीजीपी का चयन करेगी। इसके लिए अब संघ लोक सेवा आयोग को पैनल भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सवाल उठाए। कहा, क्या व्यवस्था बनाने वाले खुद दो साल रहेंगे।
योगी सरकार के सीनियर मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया, डीजीपी की नियुक्ति अब तक संघ लोक सेवा आयोग की मदद से की जाती थी, लेकिन इसमें समय ज्यादा लगता था। जिस कारण नई नियमावली बनाई गई है। इसके पीछे राज्य सरकार का उद्देश्य डीजीपी जैसे महत्वपूर्ण पद पर उपयुक्त अधिकारी की नियुक्ति करने स्वतंत्र तंत्र विकसित करना है। सपा ने इसे सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन बताया है।
उत्तर प्रदेश में डीजीपी का न्यूनतम कार्यकाल दो वर्ष का होगा। मनोनयन समिति में मुख्य सचिव, यूपीएससी के नामित अधिकारी, यूपी पीएससी के अध्यक्ष या नामित अधिकारी, अपर मुख्य सचिव गृह और सेवानिवृत्त डीजीपी सदस्य होंगे।
मनोनयन समिति ऐसे अफसरों के नाम पर विचार करेगी, जिनकी सेवानिवृत्ति में 6 माह से अधिक शेष हैं। केवल ऐसे नामों पर विचार होगा, जो वेतन मैट्रिक्स के स्तर 16 में डीजीपी के पद पर कार्यरत हैं।
हटाने का भी अधिकार
डीजीपी को पद से हटाने में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा। किसी आपराधिक अथवा भ्रष्टाचार मामले में दोषी पाए जाने, कर्तव्यों एवं दायित्वों के निर्वहन में विफलता पर राज्य सरकार दो वर्ष से पहले भी पदमुक्त कर सकेगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी पालन
सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकारों से नवीन पुलिस अधिनियम बनाने की जरूरत बताई थी। ताकि, पुलिस व्यवस्था को दबाव मुक्त रखा जा सके। साथ ही नागरिकों के अधिकार सुरक्षित रखने और कानून व्यवस्था स्थापित करने में मदद मिले।
8 राज्यों का अवमानना का नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी की नियुक्ति को लेकर 8 राज्यों का अवमानना का नोटिस जारी किया है। इसमें यूपी भी शामिल है। यूपी में मुकुल गोयल के बाद ढाई साल से कार्यवाहक डीजीपी तैनात हैं। पहले डीएस चौहान फिर आरके विश्वकर्मा, विजय कुमार और अब प्रशांत कुमार बतौर कार्यवाहक डीजीपी कार्यरत हैं। स्थायी डीजीपी की नियुक्ति के लिए संघ लोक सेवा आयोग के पास पैनल नहीं भेजा गया।