Electricity Connection Cost Up In UP: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के बाद दूसरा बड़ा झटका लग सकता है। टोल टैक्स के बाद सरकार अब बिजली का खर्च बढ़ाने जा रही है। हालांकि, उपभोक्तओं को यह अतिरिक्त राशि नया कनेक्शन लेना चुकानी होगी। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए करीब 44 फीसदी और उद्योगों के लिए 50 से 100 फीसदी तक शुल्क बढ़ाई गई है।
पावर कॉरपोरेशन ने नियामक आयोग में नया प्रस्ताव दाखिल किया है। जिस पर राज्य उपभोक्ता परिषद ने विरोध जताया है। कहा, पिछले चार साल से कोई दर नहीं बढ़ी है, इसलिए आगे भी बिजली की कोई दरें नहीं बढ़नी चाहिए।
पावर कॉरपोरेशन के प्रस्ताव के मुताबिक, नए कनेक्शन शुल्क, मीटर मूल्य, खंभा, ट्रांसफार्मर, प्रतिभूति राशि, प्रोसेसिंग फीस आदि में 40 से 100 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है। नियामक आयोग सभी पक्षों के बीच सुनवाई के बाद ही बढ़ी हुई दरों के प्रस्स्ताव को मंजूरी देगा।
प्रस्ताव उपभोक्ता विरोधी: वर्मा
उत्तर प्रदेश में अभी 2019 की डाटा बुक लागू है। हर दो-तीन साल में डाटा बुक बदलती रहती है। लेकिन पावर कॉरपोरेशन ने समय से कॉस्ट डाटा बुक दाखिल नहीं की, जिस कारण नई डाटा बुक लागू होने में इस बार देरी हो गई। राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा, यह प्रस्ताव उपभोक्ता विरोधी है। इसे लागू नहीं होने दिया जाएगा। इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड रिव्यू पैनल की बैठक में मामले को रखा जाएगा।
इस तरह बढ़ाई गई शुल्क
पावर कॉरपोरेशन ने नए प्रस्ताव में 2 किलोवाट तक के कनेक्शन पर लेबर कॉस्ट 150 रुपए से बढ़ाकर 564 रुपए कर दी है। यानी छोटे घरेलू कनेक्शन लेने वालों को 44 फीसदी अधिक भुगतान करना पड़ेगा। एक किलोवाट के बिजली कनेक्शन में अभी 1032 रुपए देने पड़ते थे। नई दरों के अनुसार इसमें 1486 रुपए खर्च करने पड़ेंगे। सिंगल फेस कनेक्शन पर स्मार्ट मीटर के अभी 3822 लगते थे, जो अब बढ़कर 6316 रुपए हो जाएंगे।