Farrukhabad Bulldozer Action: उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद में प्रशासन ने बंजर भूमि पर बने 23 मकानों को बुलडोजर से जमींदोज करा दिया। परिवार के लोग पिछले 24 साल से यहां मकान बनाकर रह रहे थे, लेकिन प्रशाासन ने चंद घंटे में उन्हें बेघर कर दिया। समाजवादी पार्टी ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।
नवाबगंज क्षेत्र के उखरा गांव में 105 बीघा जमीन बंजर भूमि है। 1990 में ग्राम पंचायत ने अनिल कुमार, कृष्ण कुमार, राजकुमार, बृजपाल सिंह, सुरेशचंद्र, ब्रहमकिशोर, भूप सिंह, रामप्रकाश, राम अवतार, चरन सिंह, जितेंद्र, राजीव, गुन्नू, बृजकिशोर, ब्रहमानंद, किशोर राम, सनोज, बलराम सिंह, गंगा सिंह, रामकिशन, रामनिवास और रामचंद्र को यह भूमि मकान बनाने के लिए दी थी। तभी से यह लोग पक्के मकान बनाकर रह रहे थे।
19 बीघा बंजर भूमि पर कब्जा
दरअसल, पंचायत की अनुमति के बाद लोगों ने 19 बीघा बंजर भूमि कब्जा ली थी, प्रशासन ने नोटिस जारी किया, लेकिन वह न्यायालय चले गए। वहां से फैसले के बाद प्रशासन ने यह कार्रवाई की है। बताया कि बंजर भूमि पर ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर बनाया जाना है।
रोते रहे पीड़ित, नहीं मिली मोहलत
शनिवार दोपहर सदर एसडीएम राजनीकांत, सीओ अजय वर्मा, सदर तहसीलदार श्रद्धा पांडेय पुलिस बल और 5 बुलडोजर लेकर पहुंचे। तहसीलदार ने सभी को मकान खाली कर बाहर निकालने के निर्देश दिए। लोगों ने कार्रवाई का विरोध किया। लक्ष्मी देवी बुलडोजर के आगे खड़ी हो गई, लेकिन सिपाहियों ने उसे हटा दिया। इस दौरान बच्चे भी बिलख-बिलख कर रोने लगे। ग्रामीणों ने हाथ जोड़कर मोहलत मांगी, लेकिन अधिकारियों ने इनकार कर दिया।
ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के लिए ढहाए मकान
तहसीलदार शृद्धा पांडेय के मुताबिक, ग्रामीणों ने डेढ़ हेक्टेयर बंजर जमीन पर कब्जा कर रखा था। ग्राम समाज की सहमति से इस जमीन का अधिग्रहण ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के लिए किया गया है। जमीन को कब्जा मुक्त कराने कार्रवाई शुरू की गई है। शनिवार को 18 मकान गिराए गए थे। शेष मकान रविवार को गिराए गए।
सपा बोली-पीड़ितों को मिले मुआवजा
समाजवादी पार्टी ने कार्रवाई का वीडियो X पर शेयर कर कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। कहा, यूपी में निरंतर बुलडोजर से आशियाने उजाड़े जा रहे हैं। फर्रुखाबाद के उखरा गांव में 25 घरों पर बिना नोटिस के बुलडोजर चलाना घोर निंदनीय है। कई सालों से रह रहे लोगों का घर तोड़कर सरकार गरीबों का शोषण कर रही। पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा और आवास उपलब्ध कराया जाए।