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अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए अंतरराष्ट्रीय संतों का आगमन शुरू हो गया है। जर्मनी के संत शनक सनातन दास और इस्कॉन के राष्ट्रीय प्रचारक युधिष्ठिर गोविंद दास ने अयोध्या के बदलाव पर खुशी जाहिर की।

Ayodhya Pran Pratishtha ceremony: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर अयोध्या में दुनिया भर से संत और श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। जर्मनी से अयोध्या पहुंचे संत शनक सनातन दास ने कहा कि यहांअयोध्या में बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। अयोध्या एक पवित्र धाम है। मैं 1992 में  पहली बार यहां आया था। उस समय अयोध्या काफी उपेक्षित था। हालांकि इस बार जब मैं यहां पहुंचा तो अयोध्या पूरी तरह से बदल गई है। यहां पर बड़े पैमाने पर विकास हुआ है। 

इस्कॉन 22 जनवरी को सभी मंदिरों में करेगा कार्यक्रम
जर्मनी से ही अयोध्या पहुंचे इस्कॉन के राष्ट्रीय प्रचारक युधिष्ठिर गोविंद दास ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है। दुनिया भर में हिंदू भक्त 500 वर्षों से इसका इंतजार कर रहे थे। युधिष्ठिर गोविंद दास ने कहा कि अयोध्या में बड़ा बदलाव हुआ है। अयोध्या का पूरी तरह से पुनर्निर्माण कर दिया गया है। इस्कॉन राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मौके पर 22 जनवरी को दुनिया भर में अपने मंदिरों में एक कार्यक्रम आयोजित करेगा। प्रत्येक इस्कॉन मंदिर में राम कथा और भंडारा का आयोजन किया जाएगा। 

50 देशों के प्रतिनिधियों को किया गया है आमंत्रित
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए मुस्लिम देशों सहित 50 देशों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि समारोह में भाग लेने वाले अंतर्राष्ट्रीय संत किन देशों का प्रतिनिधित्व करेंगे। ट्रस्ट ने देश भर से, हर राज्य से विभिन्न परंपराओं के लगभग 4,000 संतों को आमंत्रित किया है, और उम्मीद है कि उनमें से कुछ अन्य देशों से भी हो सकते हैं।

सभी शंकराचार्यों और महामंडलेश्वरों को भेजा गया है न्यौता
ट्रस्ट की ओर से सभी शंकराचार्यों, महामंडलेश्वरों के साथ ही सिख और बौद्ध धर्म के धर्मगुरुओं को इस समारोह के लिए न्यौता भेजा है। इसके साथ ही वामिनी नारायण, आर्ट ऑफ लिविंग और गायत्री परिवार से जुड़े आध्यात्मिक संतों को भी समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किए गए खास मेहमानों में तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा, बाबा रामदेवए श्री श्री रविशंकर भी शामिल हैं।

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