हाथरस कांड में साजिश का दावा: भोले बाबा के वकील बोले- सत्संग में कुछ लोग हाफ पैंट में आए, जहरीला स्प्रे छिड़कने से मची भगदड़

Hathras Stampede Updates: यूपी के हाथरस में 2 जुलाई को भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मची थी, जिसमें 121 लोग मारे गए। घटना के बाद से सत्संग करने वाला बाबा सूरजपाल लापता है।;

Update:2024-07-07 21:48 IST
Hathras Stampede Ap SinghHathras Stampede Ap Singh
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Hathras Stampede Updates: यूपी के हाथरस सत्संग में मची भगदड़ को लेकर भोले बाबा उर्फ सूरजपाल सिंह के वकील एपी सिंह ने रविवार को बड़ा दावा किया। उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि हादसे के दौरान हाफ पैंट पहने हुए करीब 15-20 लोग आए थे। उन्होंने भीड़ पर जहरीला स्प्रे छिड़का, जिससे वहां मौजूद लोगों का दम घुटने लगा और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। बता दें कि घटना के बाद से हाथरस में सत्संग करने वाला भोले बाबा 2 जुलाई से लापता है।

चेहरे ढंके हुए संदिग्ध सत्संग में मौजूद थे: वकील
भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के वकील एपी सिंह ने कहा है कि 2 जुलाई को हुए सत्संग में कम से कम 15-20 लोग मौजूद थे, जिनके चेहरे ढंके हुए थे। इस भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। यह भगदड़ एक साजिश थी और कोई दुर्घटना नहीं। उन्होंने दावा किया कि 15-20 लोगों ने भीड़ में जहरीला स्प्रे छिड़क दिया था।

हम सबूत पेश करेंगे: भोले बाबा के वकील 
एपी सिंह ने बताया कि गवाहों ने मुझसे संपर्क किया और कहा कि कुछ लोग जहरीला पदार्थ लेकर आए थे, जिसे उन्होंने भीड़ में खोला। मैंने मारे गए लोगों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देखी है। कई लोगों की मौत दम घुटने से हुई है न कि चोटों से। 
भगदड़ वाली जगह पर वाहन पार्क किए गए थे ताकि लोग वहां से भाग न सकें। हमारे पास सबूत हैं और हम उन्हें पेश करेंगे। यह पहली बार है जब मैं इस बारे में बोल रहा हूं। एपी सिंह ने पुलिस से घटना के सीसीटीवी फुटेज को जब्त करने की अपील की, जिससे अपराधियों को पकड़ने में मदद मिल सके।

भगदड़ मामले में 9 लोगों की गिरफ्तारी

  • उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस भगदड़ मामले में अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें दो महिलाएं और तीन बुजुर्ग शामिल हैं। इनमें से कई सेवादारों (स्वयंसेवकों) को आरोपी बनाया गया है, जिनमें मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर भी शामिल हैं।
  • पुलिस के अनुसार, मधुकर नारायण साकार हरि के कार्यक्रमों के लिए धन जुटाने का काम करते थे और उन्होंने दान जुटाया था। हालांकि, एपी सिंह जो मधुकर का भी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं ने दावा किया कि मधुकर दिल्ली में इलाज के लिए आए थे और खुद ही पुलिस के सामने सरेंडर किया।एफआईआर में सूरज पाल आरोपी नहीं है, वह 2 जुलाई की घटना के बाद से लापता हैं।

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