Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में मंगलवार (2 जुलाई) को मची भगदड़ में अब तक 121 लोग जान गंवा चुके हैं। करीब 28 लोगों गंभीर रूप से जख्मी हैं, जिनका सिकंदराराऊ अस्पताल में इलाज जारी है। यूपी पुलिस ने सत्संग का आयोजन करने वाले मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। लेकिन इसमें भोले बाबा उर्फ नारायण सरकार हरि का नाम आरोपियों में शामिल नहीं है।
सत्संग आयोजकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
अधिकारियों ने बताया है कि हाथरस में 'सत्संग आयोजकों' के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर के मुताबिक, 80,000 लोगों के लिए अनुमति दी गई थी लेकिन कार्यक्रम में 2.5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुए। आयोजकों को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105, 110, 126 (2), 223 और 238 के तहत आरोपी बनाया गया है। एक उच्च स्तरीय कमेटी हादसे की जांच कर रही है। इस पैनल का नेतृत्व आगरा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) और अलीगढ़ के आयुक्त करेंगे।
फॉरेंसिक और डॉग स्क्वायड टीम खेतों में जांच कर रही
आरोप है कि आयोजकों ने भगदड़ में मारे गए लोगों के सामान खेतों में छिपाए, ताकि हादसे की भयावहता पर पर्दा डाला जा सके। फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स और डॉग स्क्वायड टीम खेतों में जांच कर रही है।
#WATCH | Uttar Pradesh: Forensic unit along with dog squad at the incident site in Hathras, where a stampede took place yesterday, claiming the lives of 116 people. pic.twitter.com/fOlNtEHdtL
— ANI (@ANI) July 3, 2024
कहां छिपा है भोले बाबा?
उधर, हाथरस के सत्संग में भीषण हादसे के बाद भोले बाबा गायब है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाबा के मैनपुरी स्थित आश्रम (राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट) में छिपे होने की जानकारी सामने आ रही है। पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है, लेकिन अब तक बाबा के बारे में कोई ठोक जानकारी सामने नहीं आई। डिप्टी एसपी सुनील कुमार ने बताया कि लोग आश्रम में आ-जा रहे हैं। किसी को रोका नहीं गया है।
हाथरस के सत्संग में कैसे मची भगदड़
पुलिस के मुताबिक, जिस जगह पर हाथरस में भगदड़ मची थी, वो स्थान जमा हुई भीड़ के हिसाब से बहुत छोटी थी। 'सत्संग' में शामिल हुई एक महिला ने कहा कि जैसे ही भीड़ हटने लगी तो भगदड़ मच गई। सूत्रों ने कहा कि भक्तों को तब तक जाने से रोक दिया गया, जब तक स्वयंभू बाबा की कार नहीं निकल गई, जिससे एक छोटे से क्षेत्र में बड़ी भीड़ जमा हो गई। फिर लोग बाबा की चरणों की धूल लेने के लिए टूट पड़े, इसी दौरान एक-दूसरे के ऊपर गिरते चले गए। सत्संग में उत्तर प्रदेश के कई जिलों के साथ ही पड़ोसी राज्यों से भी श्रद्धालु पहुंचे थे।