Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मारे गए लोगों में 116 महिलाएं हैं। करीब 28 लोगों गंभीर रूप से जख्मी हैं, जिनका हाथरस जिला अस्पताल और सिकंदराराऊ अस्पताल में इलाज जारी है। इस भयावह हादसे के बाद हाथरस और आसपास के जिलों से लोग अपनों की तलाश में रातभर भटकते रहे। सैकड़ों की संख्या में लोग परिजनों की खोज में बिलख रहे हैं। पढ़िए, पीड़ित और उनके परिजनों की आपबीती...  

भगदड़ में बेटी को खोने वाली मां ने बयां किया दर्द
हाथरस भगदड़ में मारे गए 16 वर्षीय बच्चे की मां कमला के आंसू थम नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम पिछले 20 साल से सत्संग में शामिल हो रहे हैं और ऐसी घटना कभी नहीं हुई। 'परमात्मा' (भोले बाबा) करीब 2 बजे चले गए। दोपहर 2:30 बजे और उसके बाद यह घटना घटी थी। मैंने अपनी बेटी को खो दिया। मेरी बेटी जब अस्पताल में थी तो ठीक थी। उसने फोन किया और बताया कि जब तक हम अस्पताल पहुंचे, तब तक वह अस्पताल में थी। फिर अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया।

कई बार रोकने पर भी पत्नी सत्संग में पहुंची: मृतक के पति
भगदड़ में जान गंवाने वाली मृतक गुड़िया देवी के पति महताब हादसे की जानकारी मिलने पर उसे खोजते हुए अस्पताल पहुंचे। उन्होंने न्यूज एजेंसी से अपनी आपबीती साझा की। महताब ने कहा- "मैंने उसे (पत्नी को) कई बार बाबा के सत्संग में जाने से रोका, लेकिन वह नहीं मानी। वह हमारी बेटी और दो पड़ोसी महिलाओं के साथ सत्संग में आई थी। दो पड़ोसी महिलाएं और मेरी पत्नी घटना में मौत हो गई। मेरी बेटी सुरक्षित है।''

FIR में भोले बाबा का नाम नहीं, तलाश में छापेमारी
यूपी पुलिस ने सत्संग का आयोजन करने वाले मुख्य सेवादार मधुकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। लेकिन इसमें भोले बाबा उर्फ नारायण सरकार हरि का नाम आरोपियों में शामिल नहीं है। उसके मैनपुरी के एक आश्रम में छिपे होने की आशंका है। यूपी सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और घायलों को 50-50 हजार की मदद की घोषणा की है।