Ayodhya Tourist Places: रामजन्मभूमि अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन और रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का उत्सव जारी है। देशभर-विदेश से लाखों श्रद्धालु इस अनुष्ठान में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु दो-तीन दिन पहले से अयोध्या पहुंच गए हैं। ऐसे में वह अयोध्या के आसपास स्थित अन्य धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों का लुत्फ भी उठा सकते हैं। 

कनक भवन
अयोध्या के राम मंदिर के पास तुलसी नगर में कनक भवन स्थित है। मान्यता है कि शादी के बाद भगवान राम और सीता इसी महल में रहते थे। इस महल का निर्माण राजस्थानी किले की तर्ज पर है। जीर्णशीर्ण होने के बाद टीकमगढ़ की रानी वृषभानु कुंअर ने दोबारा निर्माण कराया था। कहते हैं यह भवन में सोने चंदी और रत्न लगे थे। जिस कारण इसे कनक भवन कहा जाने लगा। माता कौशिल्या ने इसे जानकी को मुंह दिखाई की रश्म में दिया था।  

Kank Bhavan Ayodhya

नागेश्वर नाथ मंदिर
अयोध्या में स्थित नागेश्वर नाथ मंदिर प्रमुख पर्यटन स्थल थेरी बाजार के मध्य में स्थित है। मान्यता है कि इसका निर्माण श्रीराम के छोटे पुत्र कुश ने  कराया था| एक बार सरयू में स्नान करते समय कुश ने बाजूबंद खो दिया था। एक नाग कन्या ने लौटाया था। नाग कन्या शिवभक्त थी। इसलिए कुश ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था| मंदिर राजा विक्रमादित्य के शासन काल तक अच्छी स्थित में था| 1750 में जीर्णोधार नवाब सफ़दरजंग के मंत्री नवल राय ने कराया गया था| शिवरात्रि पर यहां लाखों श्रद्धालु आते हैं| 

Nageswar Nath mandir

देवकली मंदिर 
देवकली मंदिर का विवरण रामायण महाकाव्य के विविध प्रसंगों में है| मान्यता है कि माता सीता अपने साथ देवी गिरिजा देवी की सुन्दर मूर्ति लेकर अयोध्या आई थीं| राजा दशरथ ने भव्य मंदिर का निर्माण कराकर उस प्रतिमा की स्थापना कराई थी। माता सीता देवी की प्रतिदिन पूजा अर्चना करती थीं।  

Birla Mandir Ayodhya

बिरला मंदिर 
अयोध्या फैजाबाद मार्ग पर स्थित बिराला मंदिर अयोध्या बस स्टॉप के सामने है। भगवान राम और देवी सीता को समर्पित यह मंदिर भव्य और आकर्षक है। प्रतिदिन यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन पूजा के लिए पहुंचते हैं।

Ram ki Paidi Ayodhya

राम की पैड़ी 
अयोध्या में सरयू नदी के किनारे स्थित घाटों की एक शृंखला है। जिसे राम की पैड़ी कहते हैं। श्रद्धालुओं में मान्यता है कि यहां स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं। इस स्थ्की सुन्दरता पूर्णिमा के दिन देखते बनती है| 

यह ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल भी अहम 

हनुमानगढ़ी: पवनपुत्र बजरंगबली को समर्पित यह मंदिर अयोध्या स्टेशन से 1 किमी की दूरी पर है। इसका निर्माण विक्रमादिय ने कराया था, जो हनुमानगढ़ी के नाम से प्रसिद्ध है| मंदिर प्रांगन में माता अंजनी की गोद में बैठे बाल हनुमान को दर्शाया गया है| मान्यता है कि पवनपुत्र हनुमान यहां रहकर अयोध्या की रक्षा करते हैं। 

जैन श्वेताम्बर मंदिर: अयोध्या को पांच तीर्थकरों ( आदिनाथ, अजितनाथ, अभिनंद नाथ, सुमतिनाथ एवं अनंतनाथ ) की जन्मस्थली होने का गौरव प्राप्त है| फैजाबाद के नवाब के कोषाध्यक्ष ने यहां पांच मंदिरों का निर्माण कराया था। दिगंबर जैन मंदिर प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव को समर्पित है, जिन्हें आदिनाथ, पुरदेव, वृषभदेव एवं आदिब्रह्म इत्यादि नामों से जाना जाता है। अभी यह बड़ी मूर्ति के नाम से प्रसिद्ध है। 

तुलसी स्मारक भवन: गोस्वामी तुलसीदास की याद में अयोध्या में तुलसी स्मारक भवन भी बनाया गया है। मान्यता है कि गोस्वामी तुलसीदास ने 16वीं सदी में यहां पर रामचरितमानस की रचना की थी।

बहू बेगम मकबरा: नवाब शुजा उद दौला की पत्नी बेगम उन्मतुज्जोहरा को समर्पित यह मकबरा अयोध्या की सबसे ऊंची संरचनाओं में शामिल है। एएसआई ने इसे संरक्षित किया है। यहां भी बड़ी संख्या में पर्यटक हर साल पहुंचते हैं।

गुलाब बाड़ी: गुलाब बाड़ी वैदेही नगर में स्थित है। यह नेशनल हेरिटेज साइट है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह गुलाबों और हरियाली से भरा बगीचा है। जिसे 18वीं शताब्दी में बनवाया गया था। यह अवध के तीसरे नवाब शुजा उद दौला और उनके माता-पिता की कब्र है।