Hathras stampede accident Update: हाथरस में सत्संग के बाद हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ितों से मुलाकात के बाद घोषणा की कि इस पूरे हादसे की न्यायिक जांच कराई जाएगी। वहीं SDM ने डीएम को रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में भी कई खुलासे हुए है।
हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुआई में SIT करेगी जांच
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस के जिला अस्पताल में भर्ती घायलों और पीड़ितों का हाल जानने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि हाथरस हादसे की जांच के लिए एसआईटी गठित की जा रही है। भगदड़ की घटना की न्यायिक जांच भी की जाएगी। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की देखरेख में एसआईटी पूरे मामले की जांच की जाएगी। ऐसे आयोजनों के लिए एक SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) तैयार होगी। इस मामले में सेवादारों की लापरवाही सामने आई है। लोग रहते रहे और सेवादार भाग गए। सेवादारों ने लोगों को धक्का दिया। बाद में घटना को छिपाने की कोशिश भी की गई। जब प्रशासन के अफसर वहां पहुंचे तो कोई सेवादार मौके पर नहीं मिला।
हाथरस SDM की रिपोर्ट में हुए कई खुलासे
एसडीएम की रिपोर्ट में बताया गया कि हाथरस के फुलरई गांव में भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि का सत्संग था। नारायण साकार हरि (भोले बाबा) लगभग दोपहर 12.30 बजे सत्संग पांडाल में पहुंचे। एक घंटे तक कार्यक्रम चला। सत्संग में लगभग दो लाख से अधिक की भीड़ उपस्थित थी। दोपहर 1.40 बजे नारायण हरि (भोले बाबा) पंडाल से निकलकर एटा की ओर जाने के लिए आए तो जिस रास्ते से भोले बाबा निकल रहे थे उस रास्ते की तरफ भक्त उनका आशीर्वाद और उनके चरणों की रज लेकर अपने माथे पर लगाने लगे।
जीटी रोड के डिवाइडर पर भी पहले से ही बहुत सारे लोग दर्शन के लिए खड़े थे। उन्होंने बाबा की ओर बढ़ना शुरू कर दिया और उनकी गाड़ी के पीछे दौड़ने लगे। बाबा के चरण रज की धूल उठाने के लिए श्रद्धालु वाहन की ओर दौड़ने लगे तो बाबा के साथ उनके निजी सुरक्षाकर्मी (ब्लैक कमाडो) एवं सेवादारों द्वारा लोगों के साथ धक्का-मुक्की करना शुरू कर दिया। जिससे कुछ लोग नीचे गिर गये। तब भी भीड़ नहीं मानी और अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया, भगदड़ मच गई।
जिसके बाद लोग कार्यक्रम स्थल के सामने खुले खेत की तरफ सड़क के दूसरी ओर भागे। जहां सड़क से खेत की ओर उतरने के दौरान ढालनुमा जगह होने के कारण ज्यादातर लोग फिसलकर गिर गए। इसके बाद पुनः उठ नहीं सके और भीड़ उनके ऊपर से होकर इधर-उधर भागने लगी।
बाबा का एफआईआर में नाम ना होने पर बोले सीएम
भोले बाबा का नाम एफआईआर नहीं होने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी शिकायत में बाबा का नाम नहीं था। आगे जांच का दायरा बढ़ेगा तो और आरोपियों को इसमें शामिल किया जाएगा। सत्संग के लिए 80 हजार लोगों के शामिल होने की परमिशन दी गई थी, लेकिन यहां पर ढाई लाख से ज्यादा लोगों की भीड़ जमा हो गई। हादसे के वक्त घटनास्थल पर 100 से ज्यादा सेवादार मौजूद थे।
सेवादारों की बताई लापरवाही
योगी आदित्यनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ऐसे कार्यक्रमों में व्यवस्था वहां तैनात सेवादारों के हाथों में होती है। अगर यह हादसा था तो सेवादारों को अपनी व्यवस्था सदृढ़ करनी चाहिए थी। हादसा होने पर सेवादारों को प्रशासन के साथ मिलकर मदद में आगे आना चाहिए था, लेकिन सेवादार वहां से भाग खड़े हुए।
FIR में मुख्य सेवादार आरोपी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपी पुलिस ने सत्संग के आयोजक और मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 105, 110, 126(2), 223 और 238 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। हालांकि, इसमें बाबा का नाम नहीं है। उधर, भोले बाबा के मैनपुरी में छिपे होने की जानकारी सामने आ रही है। पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है। दूसरी ओर, आरोप है कि आयोजकों ने भगदड़ में मारे गए लोगों के सामान खेतों में छिपाए गए, ताकि हादसे की भयावहता पर पर्दा डाला जा सके।