Kanpur Kalindi Express case: उत्तर प्रदेश के कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन को डीरेल करने की साजिश में आतंकी संगठन खुरासान मॉड्यूल का हाथ होने की आशंका है। यूपी एटीएस और NIA ने इस पर भी संदेह जताया है। घटना से कुछ दिन पहले रामेश्वर कैफे ब्लास्ट के मास्टरमाइंड फरहतुल्ला गोरी ने वीडियो जारी कर इंडियन मुस्लिम यूथ से रेल पटरी उड़ाने की अपील की थी। गोरी ने ट्रांसपोर्ट को निशाना बनाने के लिए कहा था। फिलहाल, जांच जारी है।
दरअसल, खुरासान मॉड्यूल के अफराधी खुद को कट्टरपंथी बाताकर वुल्फ अटैक करते हैं। 2017 में मध्य प्रदेश में इस तरह के हमले हुए थे। बाद में यूपी एटीएस ने तेलंगाना एटीएस की सूचना पर लखनऊ में मॉड्यूल के मेम्बर सैफुल्लाह का एनकाउंटर किया था। जिसके पास सिलेंडर बम और आईईडी बनाने का सामान मिला था। इस मामले में कानपुर के जाजमऊ से कुछ लड़के पकड़े गए थे। इसलिए भी पुलिस अफसरों को आशंका है कि ट्रेनों में वुल्फ अटैक आईएस और आईएसआई के इशारे पर किए जा रहे हैं। एनटीएस ने भी संदेह जताया है।
कानपुर में रविवार को लोको पायलट की वजह से एक बड़ा रेल हादसा टल गया। भिवानी से प्रयागराज जा रही कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन पटरी पर रखे एलपीजी सिलेंडर से टकराने के बाद रुक गई। कानपुर स्थित घटनास्थल पर पेट्रोल की बोतल और माचिस भी मिली है। इससे तोड़फोड़ करने के संकेत मिल रहे हैं।
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हिस्ट्रीशीटर समेत हिरासत में 6 लोग
- दरअसल, कानपुर के रविवार रात करीब 8.20 बजे भिवानी से प्रयागराज जा रही कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन पटरी पर रखे एलपीजी सिलेंडर से टकराने के बाद रुक गई थी। घटनास्थल से पेट्रोल की बोतल और माचिस बरामद हुई है। मामले में यूपी एटीएस और एनआईए समेत अन्य एजेंसियां जांच कर रही हैं। कानपुर पुलिस ने दो हिस्ट्रीशीटर समेत 6 लोगों को हिरासत में लिया है।
- सीनियर अफसरों की स्पेशल टीमें भी गठित की गई हैं, जो इस बात का अध्ययन करेंगी कि कानपुर में साबरमती एक्सप्रेस जैसी दुर्घटना की करने की तैयारी थी।
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8 माह में 14 रेल हादसे, 8 साजिश नाकाम
लोकसभा चुनाव नतीजे आने के बाद से देशभर में अब तक 8 घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें रेलट्रैक पर रॉड, गार्डर, बोल्डर और पत्थर रखकर ट्रेन पलटने की साजिश की गई। 8 माह में 14 रेल हादसे हो चुके हैं, इनमें से पांच हादसे अगस्त में हुए हैं। 17 अगस्त को साबरमती एक्सप्रेस को निशाना बनाया गया। 20 को जबलपुर में पैसेंजर ट्रेन डिरेल करने की कोशिश हुई। 22 को अलीगढ़ में और 23 अगस्त को फर्रुखाबाद में इस तरह की घटना हुई। इन सबके पीछे किसी बड़े आतंकी संगठन का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है।