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UP News: अयोध्या और काशी, दो पवित्र धार्मिक नगरियां, इस वीकेंड पर भक्तों से खचाखच भरी रहीं। श्रद्धालुओं का ऐसा जनसैलाब उमड़ा कि प्रशासन को कई कड़े कदम उठाने पड़े। सुरक्षा कारणों से 26 फरवरी तक गंगा आरती पर भी रोक लगा दी गई है।

UP News: अयोध्या और काशी, दो पवित्र धार्मिक नगरियां, इस वीकेंड पर भक्तों से खचाखच भरी रहीं। श्रद्धालुओं का ऐसा जनसैलाब उमड़ा कि प्रशासन को कई कड़े कदम उठाने पड़े। रामनगरी अयोध्या में हजारों भक्त रामलला के दर्शन के लिए उमड़ पड़े। भीड़ का आलम यह रहा कि भक्तों को करीब 10 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा। प्रशासन ने शहर में गाड़ियों की एंट्री सीमित कर दी, जिससे श्रद्धालु बॉर्डर से ही पैदल निकलने को मजबूर हुए।

उमड़ा आस्था का जनसैलाब
उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना और दक्षिण भारत से भी बड़ी संख्या में भक्त अयोध्या पहुंचे। लेकिन अधिक भीड़ के कारण कई लोग गलियों में रास्ता भटकते नजर आए। हनुमानगढ़ी मंदिर के बाहर करीब 2 किलोमीटर लंबी कतार लगी रही, जबकि रामलला के दर्शन के लिए भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था। सुबह 6 बजे से ही भक्त दर्शन के लिए मंदिर पहुँचने लगे।

गंगा आरती पर रोक
वाराणसी में भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। रविवार को काशी में लगभग 20 लाख श्रद्धालुओं की मौजूदगी दर्ज की गई। गंगा घाटों पर सीमित जगह होने की वजह से शाम 6 बजे के बाद नाव चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। सुरक्षा कारणों से 26 फरवरी तक गंगा आरती पर भी रोक लगा दी गई है। जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाकर भीड़ को नियंत्रित किया जा रहा है, जिससे लोगों को दर्शन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठी काशी
काशी विश्वनाथ मंदिर में रविवार सुबह 2:45 बजे भगवान शिव के पट खोले गए। पुजारियों ने विधि-विधान से बाबा का अभिषेक किया और भव्य मंगला आरती का आयोजन हुआ। पूरे मंदिर परिसर में "हर-हर महादेव" के जयघोष गूंज उठे। काशी और अयोध्या, दोनों ही स्थानों पर श्रद्धालुओं की भीड़ यह साबित करती है कि आस्था की शक्ति कितनी प्रबल होती है। प्रशासन के लिए भीड़ को संभालना एक चुनौती जरूर है, लेकिन भक्तों का उत्साह और भक्ति का जज्बा इस धार्मिक माहौल को और भी पावन बना देता है।

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