UP Wolf Terror: UP में जंगली जानवरों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। बहराइच के बाद कौशांबी, बाराबंकी और बरेली में भेड़िए ने दस्तक दे दी है। खीमपुर खीरी में बाघ और गोंडा में सियार ने दहशत फैला दी। अमरोहा में तेंदुए ने कहर मचा दिया। कौशांबी में भेड़िए ने बुधवार रात मासूम समेत 3 लोगों पर हमला कर दिया। गोंडा में भीमराव अंबेडकर नगर मोहल्ले के रहने वाले चंद्रिका प्रसाद पर सियार ने हमला कर दिया। अमरोहा में 2 बकरियों को तेंदुआ खा गया। लखीमपुर में बाघ के पैरों के निशान से दहशत फैल गई है। जंगली जानवरों के भौकाल से लोगों में इतनी ज्यादा खौफ है कि दिन-रात जाग रहे हैं। आइए आपको बताते हैं यूपी के किन जिलों में भेड़िए, सियार और बाघ का कितना आतंक। 

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भेड़िया समझकर सियार को मार डाला 
कौशांबी के नेवारी गांव में सुबह सियार का झुंड दिखा तो ग्रामीणों ने लाठी-डंडा लेकर घेर लिया। सियार को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। बहराइच में रात में भेड़िए ने 3 मवेशियों पर अटैक कर मार डाला। बाराबंकी में भेड़िए ने बच्ची और युवक पर हमला किया था। भेड़िए के डर से बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है। गोंडा में भीमराव अंबेडकर नगर मोहल्ले के रहने वाले चंद्रिका प्रसाद पर सियार ने हमला कर दिया। किसी तरह चंद्रिका ने खुद को बचााया और सियार को लाठी से पीट-पीटकर मार डाला। 

लखीमपुर में बाघ का आतंक 
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के इमलिया में टाइगर गन्ने के खेतों में छुपा बैठा है। एक-एक कर गांव वालों को अपना निशाना बना रहा है। महीने भर के अंदर ही बाघ ने चार जिंदगियों को लील लिया है। कभी रात तो कभी दिन में बाघ दिख रहा है। बाघ के पैरों के निशान मिलने से लोगों में डर घुय गया है। कैमरे में कैद उसकी तस्वीरों ने लोगों को ख़ौफ़ से भर दिया है। 

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यहां तेंदुआ ने मचाया आतंक 
करीमपुर में तेंदुआ कोसी नदी किनारे अपना आतंक मचाए हुए है। किसानों के चार कुत्तों को अपना निवाला बनाने के बाद तेंदुए ने करीमपुर के जंगल में किसान की बकरी को मार डाला। वन विभाग की टीम ने जमना-जमनी के जंगल से पिंजरा हटाकर अब करीमपुर के जंगल में पिंजरा लगाया है। गुरुवार को अमरोहा में तेंदुआ 2 बकरियों को खा गया। अब गांव के लोगों में दहशत फैल गई है।

50 दिन में 8 की मौत, 40 से ज्यादा घायल 
बहराइच में भेड़ियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। 50 दिन में भेड़िया 7 बच्चों और 1 महिला को मौत के घाट उतार चुका है। 40 से ज्यादा लोगों को जख्मी कर चुका है। वन विभाग, पुलिस और राजस्व विभाग की 12 टीमें, 300 से ज्यादा कर्मचारी और 25 ड्रोन से भेड़ियों को ट्रेस किया जा रहा है। लगातार सर्च ऑपरेशन के बाद भी भेड़ियों का आतंक खत्म करने में सफलता नहीं मिली। 

भेड़ियों ने इन्हें मार डाला

  • 17 जुलाई 2024 को मक्का-पुरवा में एक साल के अख्तर को भेड़िए ने मार डाला।
  • 26 जुलाई को नकवा गांव में 3 साल की बच्ची प्रतिभा को भेड़िया ने मार डाला।
  • 03 अगस्त को कुलैला गांव में 8 साल के बच्चे किशन को मौत के घाट उतार दिया।
  • 17 अगस्त को पूरा हिंद सिंह गांव में 4 साल की बच्ची संध्या का भेड़िए ने शिकार किया।
  • 21 अगस्त को गडरिया गांव में 4 साल की खुशबू ने मार दिया। 
  • 25 अगस्त को 52 साल की रीता देवी को भेड़िया ने शिकार बनाया। 
  • 26 अगस्त को भरथरी गांव की सैफुल्ला (80) को भेड़िए ने मौत के घाट उतारा।  
  • 2 सितंबर को नाउवन गरेठी गांव में 3 साल की अंजलि को मार दिया।