Kundarki by-election result : उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ का नारा अखिलेश यादव के पीडीए फार्मूले पर भारी पड़ा। भाजपा ने मुरादाबाद की मुस्लिम बहुल्य कुंदरकी सीट पर एकतरफा जीत दर्ज की है। भाजपा के रामवीर सिंह को 1 लाख 39 हजार 517 वोट मिले हैं। जबकि, सपा के मोहम्मद रिजवान को महज 16752 वोट मिले हैं। उन्हें 1,22,765 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। भाजपा ने यह सीट सिर्फ 1993 में जीती है।  

कुंदरकी उपचुनाव से 11 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में थे। सिर्फ भाजपा ने हिंदू प्रत्याशी उतारा। सपा ने पूर्व विधायक हाजी मोहम्मद रिजवान को प्रत्याशी बनाया था। वह यहां से 2002, 2012 और 2017 में विधायक निर्वाचित हुए, लेकिन इस चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा। कुंदरकी सीट सपा का गढ़ बन चुकी थी, लेकिन भाजपा ने शानदार वापसी की है।  

कुंदरकी सीट पर किसे कितने वोट मिले 

प्रत्याशी पार्टी वोट
रामवीर ठाकुर बीजेपी  
मोहम्मद रिजवान  सपा    
रफ़्तुल्लाह जान बसपा    
हाफिज वारिस  AIMIM   
चांद बाबू  ASP  
     
     
     
     
     
     

भाजपा ने ऐसे बनाया जीत का रास्ता 
मुरादाबाद की मुस्लिम बहुल सीट समाजवादी पार्टी का मजबूत गढ़ बन गई थी। 2002 के बाद यहां से सपा यहां लगातार चुनाव जीत रही थी, लेकिन यहां सीएम योगी आदित्यनाथ का एग्रेसिव कैम्पेन काम आया। भाजपा ने न सिर्फ गैरमुस्लिम वोटर्स को अपनेपक्ष में जुट किया, बल्कि प्रत्याशी रामवीर सिंह की व्यवहारकुशलता को देखते हुए बड़ी संख्या में मुस्लिम मतदाताओं ने भाजपा के पक्ष में वोट दिया। आरएसएस के स्वयंसेवकों ने भी काफी मेहनत की है। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के नेता कुंदरकी में डेरा जमाए रहे। घर-घर जाकर उन्होंने सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराया। सपा को प्रत्याशी के खिलाफ एंटीइनकंबेसी और नेताओं गुटबाज़ी के चलते काफी नुकसान हुआ। हालांकि, सपा नेता इसे सत्ता का दुरुपयोग बता रहे हैं। 

कुंदरकी सीट का राजनीतिक इतिहास 

  • कुंदरकी विधानसभा सीट से 2022 में जियाउर रहमान बर्क ने 43 हजार वोटों से रिकार्ड जीत दर्ज की थी। तब 276785 वोटों में से 125792 वोट बर्क को मिले थे। बीजेपी प्रत्याशी कमल कुमार ने 82630 वोट और बसपा के मो. रिजवान 42 हजार 742 वोट मिले थे। 2024 के उपचुनाव में भाजपा के रामवीर सिंह ने 1 लाख 34 हजार के करीब वोट प्राप्त किए हैं। 
  • कुंदरकी सीट में 1967 में पहली बार वोटिंग हुई थी। 1967 में निर्दलीय उम्मीदवार एम लाल और 1969 में भारतीय क्रांति दल के माहीलाल विधायक निर्वाचित हुए थे। 1974 में कांग्रेस की इंद्र मोहिनी विधायक बनीं। 1977 और 1980 में जनता पार्टी के टिकट के अकबर हुसैन विधायक बने। 
  • 1985 में फिर कांग्रेस ने जीत दर्ज की, लेकिन 1989 के चुनाव में जनता दल के चंद्रविजय सिंह और 1991 में जनता दल के अकबर हुसैन ने जीत दर्ज की। 1993 में चंद्रविजय सिंह ने पहली बार बीजेपी विधायक बने। 
  • 1996 में अकबर हुसैन ने बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत भी दर्ज की। 2002 में सपा के मोहम्मद रिजवान, 2007 में बसपा के अकबर हुसैन और 2012-2017 में सपा के मोहम्मद रिजवान ने जीत दर्ज की है।