मायावती के OBC दांव से बढ़ी सपा-कांग्रेस की टेंशन: जानें बहुजन समाज पार्टी ऐन वक्त पर क्यों बदले जौनपुर और बस्ती के उम्मीदवार

BSP Supremo Mayawati
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मीडिया से चर्चा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मायावती
BSP Basti and Jaunpur candidate: बसपा ने सोमवार को लाेकसभा के दो उम्मीदवार बदल दिए। जाैनपुर में बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला की जगह सांसद श्याम सिंह यादव और बस्ती में दयाशंकर मिश्र की जगह लवकुश पटेल को मौका दिया है।

BSP Basti and Jaunpur candidate: बहुजन समाज पार्टी ने सोमवार को दो उम्मीदवारों के टिकट बदल दिए हैं। जौनपुर से क्षत्रिय को हटाकर यादव और बस्ती में ब्राह्मण उम्मीदवार को हटाकर कुर्मी समाज से प्रत्याशी बनाया है। ऐन वक्त में मायावती के इस ओबीसी दांव की चर्चा खूब है, हालांकि कारगार कितना साबित होगा, चुनाव परिणाम ही बताएंगे।

बसपा ने सिटिंग सांसद श्याम सिंह यादव का टिकट काटकर बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी को जौनपुर से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन ऐन वक्त पर उनका टिकट बदल दिया गया। पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि धनंजय सिंह ने ही चुनाव लड़ने से इनकार किया है। 2009 में वह बसपा के टिकट पर सांसद बने थे, लेकिन इस बार वह पीछे हट रहे हैं। भाजपा ने यहां से महाराष्ट्र में मंत्री रहे कृपाशंकर सिंह और सपा ने माया सरकार में मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है।

ब्राह्मण वोटबैंक को गोलबंद कर रहे थे दयाशंकर
बसपा ने बस्ती में दयाशंकर मिश्र को मैदान में उतारा था, जो ब्राह्मण वोटबैंक को गोलबंद करने में जुटे हुए थे। इससे भाजपा प्रत्याशी हरीश द्विवेदी को नुकसान की आशंका थी, लेकिन बहुजन समाज पार्टी ने ऐन वक्त पर बस्ती का दिकट बदल दिया। यहां अब दयाशंकर मिश्र के स्थान पर लवकुश पटेल प्रत्याशी बनाए गए हैं। लवकुश पूर्व विधायक स्व. जितेंद्र चौधरी के बेटे हैं, जो सपा-कांग्रेस प्रत्याशी राम प्रसाद चौधरी के करीबी माने जाते हैं।

श्रावस्ती में सपा की टिकट पर सप्पेंस
श्रावस्ती संसदीय सीट में सपा की टिकट को लेकर सप्पेंस है। शनिवार को सांसद राम शिरोमणि वर्मा ने नामांकन भरा, लेकिन सोमवार को धीरेंद्र प्रताप सिंह ने दावेदारी ठोंकते हुए पर्चा दाखिल कर दिया। दरअसल, सपा देवीपाटन मंडल में जातिगत समीकरण साधना चाहती है। गोंडा से कुर्मी, बहराइच में दलित और कैसरगंज से ब्राह्मण प्रत्याशी देने के बाद श्रावस्ती से क्षत्रिय प्रत्याशी देकर सोशल इंजीनियरिंग साधने की कोशिश हो सकती है।

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