Ayodhya Ram Mandir: श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्साहित है। पूरे शहर को आकर्षक तरीके से सजाया गया है। चौक-चौराहों विशेष थीम पर सौंदर्यीकरण किया गया है। रामलला की तीन मूर्तियां बनकर तैयार हैं। कौन सी मूर्ति कहां लगाई जानी हैं। यह भी तय कर लिया गया है।

ऐसी होगी गर्भगृह की मूर्ति 
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने शनिवार को इसे लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि मंदिर में भगवान राम के साथ माता जानकी की भी मूर्ति लगाई जाएगी। गर्भगृह में विराजमान होने वाली मूर्ति के बारे भी उन्होंने अहम जानकारी दी। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया, भगवान विष्णु के अवतार हैं। गर्भगृह के लिए उनकी 51 इंच की मूर्ति बनवाई गई है, जो बहुत ही आकर्षक है। काले पत्थर से बनी इस मूर्ति में भगवान राम पांच वर्ष के बाल स्वरूप में हैं। 22 जनवरी को उसकी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। 

ग्राउंड फ्लोर में सिर्फ रामलला 
महिलाओं के सवाल पर चंपत राय ने बताया, माता जानकी को विश्वामित्र 10 या 11 साल की उम्र में राजा दशरथ से मांग ले गए थे। ग्राउंड फ्लोर पर सिर्फ रामलला बाल रूप में रहेंगे। ऊपर की मंजिल में तीनों भाइयों के साथ रामभक्त हनुमान और जानकी भी होगी।

जनकपुर से उपहार लेकर पहुंचे भक्त 
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले भगवान राम की ससुराल जनकपुर (नेपाल) से आए भक्तों ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को 'भार' सौंपा। शनिवार तड़के यह यात्रा जनकपुर से अयोध्या पहुंची। मिथिला संस्कृति में भार को भेंट या उपहार कहते हैं। बेटी पहली बार ससुराल जाती है तो मायके से भेंट भेजी जाती है। भार यात्रा बिहार के मिथिला होते हुए अयोध्या पहुंची है। 500 लोग अयोध्या इसमें शामिल थे।