Ayodhya Lord Ram Lalla Takes Pran Pratishtha Tour: अयोध्या में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा के अनुष्ठान का बुधवार को तीसरा दिन है। पहली बार प्रभु राम के बालस्वरूप रामलला की नवनिर्मित प्रतिमा गुरुवार को मंदिर परिसर में पहुंच गई। हालांकि इस 200 किलो वजनी प्रतिमा को मंदिर पहुंचते-पहुंचते देर हो गई। इसे देखते हुए प्रतिमा का नगर भ्रमण रोक दिया गया। इसकी जगह पर रामललाल की 10 किलोग्राम की अनुकृति का मंदिर में प्रवेश कराया गया। अब गुरुवार को रामलला की प्रतिमा का नगभ्रमण कराने के बाद मंदिर में प्रवेश कराया जाएगा।
16 यज्ञ मंडप की हुई पूजा
बुधवार को मंदिर परिसर मे बने यज्ञ 16 यज्ञ मंडप की पूजा की। सभी द्वारों की पूजा हुई। देर शाम एक ट्रक से मंदिर परिसर में मूल प्रतिमा को लाया गया। अभी प्रतिमा के चेहरे पर कपड़ा लपेटा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के विधि विधान के दौरान प्रतिमा से यह कपड़ा हटाएंगे। रामलला की प्रतिमा को संभवत: गुरुवार सुबह मंदिर नगर भ्रमण कराने और अभिषेक के बाद मंदिर के अंदर प्रवेश कराया जाएगा।
आचार्य श्रीश्री रविशंकर पहुंचे अयोध्या
आचार्य श्रीश्री रविशंकर ने बुधवार को अयोध्या पहुंचने के बाद कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं जब प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर का निर्माण किया गया है। बता दें कि ज्योतिषमठ के शंकराचार्या अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पहले यह मुद्दा उठाया था कि मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने से पहले प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा सही नहीं है। इस पर आचार्य श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि धर्म विधानों में इस बात का प्रावधान है कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर का निर्माण पूरा किया जा सकता है।
इससे पहले पुजारी सुनील दास ने राम मंदिर के गर्भगृह में धार्मिक अनुष्ठान किए। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य और निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास और पुजारी सुनील दास ने अयोध्या राम मंदिर के 'गर्भ गृह' में पूजा की। पुजारी सुनील दास ने कहा कि अयोध्या का यह मंदिर सार्वभौमिक शांति केंद्र का केंद्र होगा।
सरयू पूजन के बाद निकली कलश यात्रा
वहीं, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य और 'यजमान' अनिल मिश्रा ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले सरयू घाट पर पूजा की। इसके बाद नौ महिलाओं का एक समूह सरयू नदी से राम मंदिर तक 'कलश जल यात्रा' लेकर निकला है। इस कलश यात्रा में हजारों महिलाएं शामिल हैं।
विष्णु पूजन से शुरू हुआ था अनुष्ठान
मंगलवार को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में विष्णु पूजन के बाद पंचगव्य (दूध, मूत्र, गोबर, घी और दही) से पंचगव्यप्राशन किया गया। इससे पहले मुख्य यजमान राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा ने सरयू में स्नान किया। फिर उन्होंने पत्नी के साथ मिलकर भगवान विष्णु की पूजा की। पंचगव्य और घी चढ़ाकर पंचगव्यप्राशन किया।
वाल्मिकी रामायण और भुसुंडीरामायण का पाठ
राम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट ने कहा कि मूर्ति निर्माण स्थल पर कर्मकुटी होम भी किया गया और मंगलवार को मंडप में वाल्मिकी रामायण और भुसुंडीरामायण का पाठ किया गया। द्वादशबद पक्ष से प्रायश्चित के रूप में गोदान (गौ दान) किया गया। दशदान के बाद मूर्ति निर्माण स्थल पर कर्मकुटी होम किया गया। यह कार्यक्रम भव्यता के साथ संपन्न हुआ। हवन के समय आचार्य वैदिकप्रवर लक्ष्मीकांत दीक्षित उपस्थित थे।
23 जनवरी रामलला के दर्शन कर पाएंगे लोग
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि राम जन्मभूमि मंदिर 23 जनवरी से आम जनता के लिए 'दर्शन' के लिए खुला रहेगा। इस आयोजन के लिए तैयारियां जोरों पर चल रही हैं, जिसमें हजारों गणमान्य व्यक्तियों और समाज के सभी वर्गों के लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने वाले हैं। इस भव्य समारोह में 11 हजार लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।