Krishna janmashtami 2024: उत्तरप्रदेश के मथुरा में श्री कृष्ण जन्माष्टमी की धूम है। भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में चारों तरफ उत्सव का माहौल है। जगह-जगह झांकियां निकाली जा रही हैं। विदेशों से भी कान्हा के भक्त मथुरा पहुंचे हैं। शहर के 5 हजार से ज्यादा मंदिरों में कन्हैया जन्म लेंगे। रेलवे ने मथुरा-वृंदावन आने के लिए 300 ट्रेनें चलाई हैं। अनुमान है कि जन्माष्टमी पर 26-27 अगस्त को 50 लाख भक्त श्रीकृष्ण की शरण में पहुंचेंगे। पूरी मथुरा नगरी कान्हा के रंग में रंगी है।
सीएम 1037 करोड़ की देंगे सौगात
CM योगी आदित्यनाथ मथुरा पहुंचेंगे। लड्डू गोपाल के 5251वें जन्मोत्सव का विशाल बैलून उड़ा कर कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। सीएम पौने 2 घंटे तक रुकेंगे। CM योगी पांचजन्य प्रेक्षागृह में 1037 करोड़ की 178 परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। साथ ही रंगनाथ मंदिर से बड़े बगीचा तक स्मार्ट सिटी योजना के तहत होने वाले कार्य का शिलान्यास किया जाएगा।
देशभर से मथुरा तक 300 ट्रेनें
मथुरा में 3 रेलवे स्टेशन हैं। यहां देशभर से यात्रियों को लेकर 300 से ज्यादा ट्रेनें पहुंच रही हैं। मथुरा जंक्शन पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के लिए उत्तर मध्य रेलवे ने 6 ट्रेनों को विस्तार दिया है। उत्तर पूर्व रेलवे का मथुरा कैंट स्टेशन भी है। यहां बरेली, काठगोदाम, कासगंज, अछनेरा रूट की ट्रेनें आती हैं। मथुरा स्टेशन पर दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-चेन्नई रूट की ट्रेनें आती हैं। उत्तर मध्य रेलवे की इस स्टेशन पर प्रतिदिन 300 से ज्यादा ट्रेनें आती हैं।
350 से ज्यादा बसें चल रहीं
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव में शामिल होने बड़ी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं। सरकार ने यात्रियों की भीड़ देखते हुए 350 बसें चलाई हैं। सामान्य दिनों में 170 बसें चलती हैं। मथुरा बस स्टैंड से दिल्ली-आगरा, राजस्थान और हरियाणा रूट की बसें मिलेंगी। पुराना बस अड्डा से कासगंज, बरेली, हाथरस, अलीगढ़, उत्तराखंड के रूट की बसें मिलेंगी। गोकुल रेस्टोरेंट बस अड्डा से राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड की बसें मिलेंगी।
300 पुलिसकर्मी भीड़ संभालने के लिए तैनात
भगवान श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव का मुख्य कार्यक्रम उनकी जन्मस्थली मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर पर होता है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बांके बिहारी मंदिर हॉट स्पॉट है। चेकिंग के बाद ही भक्त मंदिर तक पहुंच पा रहे हैं। 300 पुलिसकर्मी सिर्फ क्राउड मैनेजमेंट के लिए हैं। ज्यादा भीड़ होने पर जुगलघाट और गौतमपाड़ा पर बैरियर लगाने की व्यवस्था है। मंदिर पहुंचने से पहले जुगलघाट, विद्यापीठ चौराहा, दुसायत मोहल्ला पर जूता-घर बनाया है। यहां से 200 मीटर दूर मंदिर तक भक्तों को पैदल चलना होता है।